जब यूपी सीएम योगी के घर के बाहर मिला आलू का ढ़ेर, जानिए मंत्री ने क्या कहा
शनिवार सुबह लखनऊ के पॉश इलाका और सबसे सुरक्षित माने जाने वाले सीएम आवास समेत कई स्थानों पर एक ही तरह का नजारा देखने को मिला। सीएम आवास के बाहर सुबह जब लोग जागे और सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी बदलने लगी। तभी अचानक एक ढ़ेर में नजर पड़ी। सुरक्षा कर्मियों ने पहले तो दूर से देखा जब कुछ उजाला हुआ तो पास गए और पाया की भारी मात्रा में आलू का ढ़ेर लगा है। इसी दौरान किसी ने आईडिया दिया क्यों न आलू घर ले जाई जाए। लेकिन तभी अधिकारियों ने ऐसा करने से रोका और पता किया तो। ऐसा ही नजारा दूसरी जगह भी था। आलू केवल सीएम आवास, यानी पांच कालीदास मार्ग पर ही नहीं मिले थे। राजभवन जहां राज्यपाल रहते हैं, या विधानसभा हो। हर तरफ एक ही नजारा था। हर घर के बाहर आलूओं का ढ़ेर पड़ा था। लोग कुछ समझ नहीं पा रहे थे। तभी किसी ने खबर दी और सीसीटीवी देखा तो पता चला की किसानों ने आकर यहां आलू डाला है। वो भी सरकार के विरोध में।
आलू की कम कीमत मिलने पर इन दिनों प्रदेश के किसानों का आक्रोश है। शुक्रवार की रात लखनऊ में किसानों ने कई कुंतल आलू मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के सामने सड़कों पर फेंके। जिसके बाद सुरक्षा में हुई चूक का मामला मानते हुए अधिकारियों ने जांच के आदेश दिये हैं।
बता दें कि जब किसान मुख्यमंत्री आवास और बाकी जगह आलुओं की नदी बहा रहे थे तब पुलिस और LIU आराम से सो रहे थे। किसानों ने राजभवन के सामने भी आलू फेंका है। रात को विधानभवन की सुरक्षा और गश्त में लगे सिपाहियों को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। सुबह जब लोगों की भीड़ यह पूरा नजारा देखने के लिए इकट्ठा हुई तो आनन-फानन में उसे साफ कराया गया। जांच पड़ताल के बाद पता लगा कि आलू के दाम सही न मिलने से नाराज किसानों ने सुबह तड़के चार से पांच बजे के बीच विधानसभा के सामने आलू फेंक दिया और चले गए।
आलू की कम कीमत मिलने यूपी के आलू किसानों में नाराजगी है। इसलिए विरोध स्वरूप किसानों ने राजधानी लखनऊ की सड़कों पर बोरे के बोरे आलू सड़कों पर फेंक दिए है। किसानों की मांग है कि उन्हें 10 रूपए प्रति किलो मिलना चाहिए, मगर उनको मंडियों में 4 रुपये किलो का भाव मिल रहा है। किसानों की मांग है कि सरकार आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए। राज भवन, मुख्यमंत्री आवास के पास आलू फेंके जाने की खबर से प्रशासन में हड़कंप है। आनन फानन में अधिकारियों ने आलू हटवाने का काम शुरू करवा दिया है। हालांकि बहुत सारा आलू वाहनों के टायरों से दबकर खराब हो गया है।
सीएम आवास और विधानसभा के बाहर आलू मिलने के बाद यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों ने नही ये विपक्ष ने सड़े गले आलू लाकर सड़क पर फेंके हैं। जबकि किसान को सही दाम मिल रहा हैं।