विशेष

जब मात्र 500 लोगों ने बुरी तरह हराया 28 हजार लोगों को, जानें भीमा कोरेगांव का इतिहास

नई दिल्ली: इतिहास में कई लड़ाईयां लड़ी गयी है, लेकिन उनमें से कुछ ही हैं, जिन्हें लोग अज भी याद करते हैं। ऐसी ही एक लड़ाई थी कोरेगांव की लड़ाई, जिसे अज भी लोग याद करते हैं। यह लड़ाई आज से 200 साल पहले 1 जनवरी 21818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के पेशवा गुट के बीच कोरेगाँव भीमा में लड़ी गयी थी। यह वही जगह है जहाँ अछूत कहे जानें वाले कुछ महारों ने मिलकर पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना को धूल चटा दी थी।

महार ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से लड़ रहे थे और इसी युद्ध के बाद पेशवाओं के साम्राज्य का अंत हुआ था। इतिहासकार इस युद्ध को अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय शासकों के युद्ध के तौर पर देखते हैं। लेकिन इसकी एक सच्चाई और भी है, जिसके बारे में कम लोग ही जानते हैं। इस कहानी को याद करते हुए मन में एक सवाल उठता है कि आखिर क्यों महारों ने अंग्रेजों के साथ मिलकर अपने ही देश के पेशवाओं के खिलाफ युद्ध किया?

इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि दरअसल यह लड़ाई पेशवाओं के खिलाफ नहीं बल्कि महारों के लिए अपनी अस्मिता की लड़ाई थी। महारों ने ब्राह्मण व्यवस्था के खिलाफ उतरकर इस लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया। उस समय पेशवाओं ने महारों को जानवरों से भी निम्न दर्जे में रखा हुआ था। उनके साथ उस समय बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था। प्राचीन भारत में सवर्णों ने जिस तरह का दलितों के साथ व्यवहार किया था, वहीँ व्यवहार पेशवा भी महारों के साथ करते थे। पेशवाओं ने महारों के साथ जो बर्ताव किये थे, इतिहासकारों ने उसका भी वर्णन किया है।

उस समय शहर में प्रवेश करते समय महारों को अपनी कमर में पीछे की तरफ झाड़ू बाँधकर चलना पड़ता था। जिससे उनके अपवित्र पैरों के निशान झाड़ू से मिटते चले जाएँ। केवल यही नहीं महारों को हर समय अपने गले में एक बर्तन बाँधकर रखना पड़ता था, ताकि उनका थूका हुआ जमीन पर ना गिर पाए, जिससे सवर्ण अपवित्र होने से बच जाएँ। यह प्राचीन भारत से चली आ रही कुछ कुरीतियाँ थीं, जिनके लिए समय-समय पर लोगों ने आवाज भी उठाई, लेकिन दलित विरोधी व्यवस्थाओं को बार-बार स्थापित किया गया।

इसी व्यवस्था में रहने वाले महारों के पास अपना बदला लेने के लिए अच्छा मौका था। इसलिए पेशवाओं के खिलाफ युद्ध में महारों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का साथ दिया और 28 हजार पेशवाओं को मात्र 500 महारों ने मिलकर धूल चटा दी। महारों ने पेशवाओं से युद्ध लड़कर क्रूर व्यवस्था का बदला लिया। आज 200 साल के बाद भी कोरेगांव भीमा के लोग इस कुप्रथा के खिलाफ जीत का जश्न मनाते हैं। कुछ दलित नेता इस लड़ाई को उस समय के स्थापित ऊँची जाती पर अपनी जीत मानते हैं, जबकि कुछ सवर्ण इसे अंग्रेजों की जीत का जश्न मानते हैं और इसका विरोध करते हैं।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/