भगवान शिव के शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद खाना चाहिए या नहीं? जानिए इसका सरल जवाब
भारत में हर धर्म के लोग रहते हैं. इसके साथ ही हर धर्म की अपनी अलग अलग मान्यताएं हैं. जहाँ सिख लोग गुरूद्वारे जाते हैं, वहीँ हिन्दू लोग मंदिर जाते हैं. इसके इलावा ही हर भगवान के घर में पूजा पाठ करने का अलग तरीका बनाया गया है. इस पूजा पाठ के बाद अंत में भगवान को प्रसाद अर्पण करके उसको वहां मौजूद सभी भक्तों में बाँट दिया जाता है. ये मान लीजिये कि हिन्दू सनातन धर्म के अनुसार पूजा के बाद प्रसाद बेहद जरूरी है. प्रसाद को भगवान का तोहफा मान कर स्वीकार जाता है. परन्तु जो लोग भगवान शिव के भक्त हैं, उन्हें प्रसाद लेने में थोडा संकोच अवश्य रहता है. शिव के भक्त अक्सर प्रसाद लेने से पहले सोचते हैं कि उन्हें वह प्रसाद लेना चाहिए या नहीं? दरअसल, भगवान शिव के भक्तों के मन में ये भय बना रहता है कि उन्हें भगवान का प्रसाद खा कर कहीं पाप न लग जाए और वह भूल से भगवान का निरादर न कर बैठें.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि चण्डेश्वर को बहुत एवं प्रेतों का माना जाता है. ऐसे में भगवान शिव के प्रसाद और चण्डेश्वर को लेकर कईं मान्यताएं प्रचलित हैं.कहते हैं चण्डेश्वर भगवान शिव के प्रसाद का एक अंश है इसलिए उसको खाने से लोगों को चण्डेश्वर के गुस्से का प्रकोप सहना पड़ता है. ऐसे में लोग अक्सर ये प्रसाद खाने से पहले डरते हैं कि कहीं अनजाने में वह चण्डेश्वर को क्रोध न दिला दें.
जहां एक तरफ चंडेश्वर को भगवान शिव के प्रसाद का अंश माना जाता है, और लोग उसकी ग्रहण करने से डरते हैं, वहीं दूसरी तरफ शिव महापुराण के अनुसार भगवान शिव जी का प्रसाद सभी प्रकार के पापों को दूर करता है. रही बात चंडेश्वर की तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चंडेश्वर का हिस्सा नहीं होता.
इसके इलावा हम आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि अगर शिवलिंग साधारण पत्थर , मिट्टी या चीनी मिट्टी से निर्माण किया गया हो तो उस पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए. इन शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद आपको या तो किसी साधु संत को दे देना चाहिए या फिर उसको नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. इसके इलावा आप चाहे तो पारे से बने पारद शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद खा सकते हैं क्योंकि यह भगवान चंडेश्वर का अंश नहीं होता. पारद शिवलिंग असल में महादेव का ही एक अंश होता है जिसको ग्रहण करने से किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं लगता.
बहुत सारे लोग अपने घर में शिवलिंग शालिग्राम जी के पास रखते हैं. आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि शालिग्राम भगवान विष्णु का ही एक रूप है. इसलिए अगर आपके घर में शालिग्राम के साथ शिवलिंग रखा है तो उस पर चढ़ाया हुआ प्रसाद आप आसानी से खा सकते हैं.
जिन लोगों के पास शिवलिंग मौजूद नहीं रहता वह लोग शिवलिंग की जगह भगवान शिव की मूर्ति को काम में लेते हैं. भगवान शिव की मूर्ति से चढ़ाया गया प्रसाद खाना भी आपको किसी प्रकार का पाप नहीं लगाता इसलिए आप इस प्रसाद को बिना सोचे समझे खा सकते हैं.