मात्र 12 वर्षीय लड़के ने रोकी पेसेंजेर ट्रेन, इस बच्चे की सूझ-बूझ ने बचाई सैंकड़ों लोगों की जान
बिहार: कहते हैं बहादुरी और सूझबूझ की कोई उम्र नही होती. आज की यह घटना भी इसका जीता जागता उदाहरण है. दरअसल, यह घटना 5वीं क्लास के एक बच्चे की है, जिसने अपनी सूझबूझ से हज़ारो यात्रियों की जान बचा ली. हर दिन अपने मंज़िल की ओर सफर करने वाले मुसाफिरों को लेकर जाने वाली आज की ट्रेनों में अक्सर एक्सीडेंट की खबरे सुनने को मिल ही जाती है. कही न कही इसके पीछे या तो टेक्निकल फ़ॉल्ट होता है या फिर कभी पटरियों के बीच पड़ी हुई दरार भी इसकी वजह होती है. हज़ारो मुसाफिरों की जान बचाने वाले इस बच्चे कि अदम्य साहस की इस घटना को सुनकर हर कोई हैरान है और इसे अधिकारियों ने वीरता पुरस्कार से समान्नित करने का फैसला लिया है. बहरहाल, चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या है…
बीते कुछ सालों की बात करे तो देश मे होने वाले ट्रेन हादसों और उनमें मरने वाले लोगो की संख्या में जबरदस्त इज़ाफ़ा हुआ है. भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 10 सालों की तुलना में वर्ष 2016-17 में होने वाली ट्रेन एक्सीडेंट से होने वाली मौत के आकड़ो में काफी बढ़ोतरी देखी गयी. ऐसे वक्त में एक ट्रेन हादसे को रोकने वाले इस बच्चे की कहानी को जानते हैं इसी की जुबानी.
मात्र 12 वर्ष की उम्र में अपने अदम्य साहस और सूझबूझ का परिचय देकर एक बड़े घटना को रोकने वाला यह बच्चा भीम यादव मंगलापुर स्तिथ एक सरकारी स्कूल का छात्र है. इस भयानक ठंड में हर दिन की तरह स्कूल जाते वक्त जब उसकी नज़र बीच रास्ते मे टूटी हुई पटरियों पर पड़ी तो वह सन्न रह गया. सामने से तेज़ रफ़्तार ट्रेन भी आ रही थी और उसके पास समय भी काफी कम था.
ठंड की वजह से धुंध बढ़ जाने की वजह से ड्राइवर भी इस खबर से अनजान था. तभी अचानक से उसके मन मे टीचर के द्वारा पढ़ाई गई यह बात याद आ गयी कि अगर कोई खतरा सामने हो तो उसे लाल रंग से सूचित किया जा सकता है. यह महज एक संयोग ही था कि उस दिन भीम ने लाल रंग के ही कपड़े पहन रखे थे. कड़कड़ाती ठंड को ठंड की परवाह न करते हुए यात्रियों की जान बचाने के लिए उसने कपड़े को खोलकर उसे लहराने शुरू कर दिए इस उम्मीद में कई ट्रैन का ड्राइवर उसे देखकर ट्रैन को रोक दी और एक बड़ा हादसा टल जाए. हुआ भी कुछ ऐसा ही कि ट्रेन के ड्राइवर ने लाल रंग के कपड़े को देख ट्रैन रोक दी.
बहादुरी के लिए मिल रहा अवार्ड
घटना की खबर मिलते ही आसपास के लोग वहाँ इकठ्ठा होने लगे और वहाँ मौजूद हर एक इंसान उसे इस काम के लिए शाबाशी देने से नहीचूक रहा था. वही स्थानीय शिक्षा अधिकारी हरेंद्र झा के मुताबिक उसे इस बहादुरी वाले काम को करने के लिए इनाम दिया जाएगा. शिक्षा अधिकारी के मुताबिक जब उन्हें इस बात की खबर मिली उसके बाद उन्होंने जिले में मौजूद सभी अधिकारियों को उस बच्चे की वीरता के बारे में बताया. वहीं ECR के चीफ़ पब्लिक रिलेशन ऑफ़िसर, राजेश कुमार ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि “वास्तव में हमे उस लड़के की बहादुरी के ऊपर काफी ज्यादा गर्व है और हम उसकी इस बहादुरी का तहे दिल से सलाम करते है”.
मीडिया से बात करते हुए भीम सिंह ने बताया कि हाल में ही कुछ दिन पहले वह अपने किसी रिश्तेदार के घर किसी काम की वजह से गया था जहाँ एक लड़के की बहादुरी को लेकर उसके रिश्तेदार सबके सामने तारीफ कर रहे थे जिसके बाद उसके मन मे भी ऐसा ख्याल आने लगा कि उसे भी कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे कि उसका भी नाम सबके बीच लिए जाए. भीम बस ऐसे ही एक सही मौके की तालाश में था और जब उसे सही मौका मिला तो उसने सबके सामने ऐसी बहादुरी दिखाकर सबके दिलों को जीत लिया.