गुजरात में हार के बाद भी राहुल गाँधी के हौसले बुलंद, कहा मोदी के खोखले दावों की हकीकत उजागर
नई दिल्ली: गुजरात और हिमांचल चुनाव सफलता पूर्वक संपन्न हो गए और उनके नतीजे भी आ गए। दोनों ही जगहों पर जनता ने बीजेपी के ऊपर भरोसा दिखाया। कांग्रेस की हार के बाद भी राहुल गाँधी डंटे हुए हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर सियासी वार करने के साफ़-साफ़ संकेत भी दे दिए हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए राहुल गाँधी ने मोदी की विश्वसनीयता में गिरावट का सवाल उठाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। उन्होंने कहा कि गुजरात के नतीजे आने के बाद साफतौर पर कहा जा सकता है कि बीजेपी को काफी झटका लगा है।
विकास के गुजरात मॉडल के खोखले दावों की हकीकत सबके सामने आ गयी विकास की वजह से गुजरात में जीत के पीएम मोदी के दावों पर निशाना साधते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि विकास की बात अभी कर रहे हैं जबकि गुजरात चुनाव के दौरान उन्होंने विकास के सवालो का जवाब नहीं दिया। नए नेतृत्व के बाद से कांग्रेस पार्टी में सकारात्मक माहौल बना हुआ है। उसके बाद राहुल ने मंगलवार को सांसद भवन परिसर में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह ठीक है कि गुजरात में कांग्रेस हार गयी, जबकि हम जीत सकते थे।
उन्होंने कहा कि 3-4 महीने पहले जब वह गुजरात गए थे तो कहा जा रहा था कि कांग्रेस बीजेपी से लड़ ही नहीं सकती है। नजीते आने के बाद साफ़ हो गया है कि विकास के गुजरात मॉडल को वहाँ की जनता नहीं मानती है। इसी वजह से बीजेपी ने चुनाव अभियान मुद्दे से विकास को गायब कर दिया और इससे जुड़े सवालों के जवाब नहीं दे पाए। पीएम के पास कुछ बोलने के लिए नहीं था इसलिए वह अपने बारे में ही बोलते रह गए। उन्होंने कहा कि तीन महीने में गुजरात की जनता ने उन्हें काफी कुछ सिखाया है।
सबसे अहं बात यह सीखने को मिली की आपका विपक्षी चाहे जैसा भी हो, वह आपके प्रति धन, बल, क्रोध या गुस्सा सबकी ताकत लगा दे लेकिन इसका मुकाबला प्यार और भाईचारे से किया जा सकता है। क्रोध काम नहीं आएगा उर प्यार उन्हें हरा देगा। गुजरात की जीत को जातिवाद की हार और विकास पर मुहर के प्रधानमंत्री के बयान को लेकर राहुल गाँधी ने कहा कि मोदीजी का विकास और जीएसटी पर मुहर के रूप में इसे बताना बड़ी अजीब बात है। पीएम मोदी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान ना ही जीएसटी पर बात की और ना ही नोटबंदी पर। मोदी जो कह रहे हैं उसमें कोई सच्चाई नहीं है।