इस दूल्हा दुल्हन ने 7 नहीं बल्कि लिए 8 फेरे, वजह जानकर पंडित जी भी हो गए हैरान
इंदौर के नीमच में एक ऐसी शादी संपन्न हुई जो समाज में चल रहे रूढ़ीवादी प्रथा को ज़रूर आईना दिखाने का काम करेगी. सभी जानते हैं कि शादी में सात फेरों और सात वचनों का बहुत महत्व होता है. इसके बिना कोई भी शादी संपन्न नहीं कहलाती. लेकिन अहमदाबाद से बरात लेकर आये युवक ने सात फेरों की जगह आठ फेरे लिए. यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए और सोचने लगे कि आखिर दूल्हे ने ऐसा क्यों किया. आठवां फेरा पूरा होते ही दूल्हे ने सबके मन में आये इस सवाल का जवाब दे दिया. उसने कहा कि यह 8वां फेरा दहेज़ प्रथा के खिलाफ था. साथ ही उसने कभी दहेज़ न लेने और देने का संकल्प किया.
दरअसल, रविवार की रात मोहनलाल प्रजापति की बेटी हिना की शादी अहमदाबाद के कुलदीप से लायंस डेन में हो रही थी. बरात गुजरात के ढोलका जिला से आई थी. शादी के पहले ही 8 फेरे लेने की जानकारी दूल्हे ने पंडित को दे दी थी. दूल्हे ने पंडित से कहा कि वह दहेज़ प्रथा के बिलकुल खिलाफ है. वह न ही दहेज़ लेने में यकीन रखता है और न ही दहेज़ देने में. इसलिए वह 7 फेरों के बाद दहेज़ जैसी कुप्रथा के खिलाफ 8वां फेरा लेना चाहता है. दूल्हे की यह नेक बात सुनकर पंडित भेरूलाल सोनियाना ने खुशी–खुशी आठवां फेरा लेने की अनुमति दे दी. पंडित भी 8वें फेरे की बात से सहमत नज़र आये. वहां मौजूद लोगों के लिए यह हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि आज से पहले कभी किसी ने ऐसा नहीं किया था.
लेकिन जब लोगों को इसके पीछे की वजह पता चली तो वह दूल्हे की तारीफ़ किये बिना रह नहीं पाए. लोगों ने जम कर दूल्हे के निर्णय का समर्थन किया. दूल्हे ने कहा कि मन मुताबिक दहेज़ मिल जाने पर बाद में लड़के और उसके परिवारवाले लड़की को प्रताड़ित करने लगते हैं. वह उससे और दहेज़ की मांग करने लगते हैं. जिस वजह से अधिकतर लड़कियां आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाती हैं. इसलिए उनका यह 8वां फेरा दहेज़ प्रथा के खिलाफ है. शादी संपन्न होने के बाद विधायक दिलीप सिंह परिहार, नपाध्यक्ष राकेश जैन ने भी नविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया. उनके द्वारा उठाये गए इस नेक कदम से समाज के लोगों को दहेज़ प्रथा के खिलाफ खड़ा होने का संदेश ज़रूर मिलेगा. यह करके उन्होंने एक मिसाल ज़रूर कायम कर दिया है.