Politics

INE की रिपोर्ट से US में मची खलबली, भारत के पास हैं 2600 न्यूक्लियर हथियारों की सामग्री

नई दिल्ली: भारत के साथ उसके दोनों पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन का क्या रवैया है, यह सभी लोग जानते हैं। दोनों ही समय-समय पर भारत को आँखें दिखाने से बाज नहीं आते हैं। लेकिन अब दोनों की चिंता साफ़-साफ़ देखी जा सकती है। उनकी चिंता का विषय भारत का न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप का सदस्य बनन नहीं बल्कि भारत की परमाणु ताकत है। लन्दन के किंग्स कॉलेज की प्रोजेक्ट्स अल्फ़ा की रिपोर्ट के हिसाब से भारत का वर्तमान रणनीतिक व्यापार उसकी परमाणु क्षमता को बढ़ाने का काम करेगा। रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि भारत गुप्त तरीके से हथियारों के मामले में ब्रिटेन और फ़्रांस में भी आगे निकल चुका है।

जल्द ही भारत अपने पड़ोसी देशों के सामने प्रभावशाली हो जायेगा। अमेरिका के सबसे मशहूर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बेल्फर सेंटर की “इंडियन न्यूक्लियर एक्सेप्शनलिज्म” के अनुसार भारत के पास वर्तमान समय में 2600 परमाणु हथियारों को बनाने की सामग्री मौजूद है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत इस सिलसिले में दुनिया के तीसरा देश है। इस समय अमेरिका और रूस ही भारत से आगे हैं। अगर रिपोर्ट को ध्यान से देखा जाये तो समझ में आ जायेगा कि पीएम मोदी के देश की सत्ता सँभालने के बाद से भारत की ताकत लगातार बढ़ी ही है।

भारत बहुत जल्द एलिट न्यूक्लियर ग्रुप में भी शामिल हो जायेगा। भारत की वजह से कई और देशों को भी फायदा हो सकता है। भारत उन्हें कई सामग्रियों की आपूर्ति भी कर सकता है। भारतीय नौसेना ने भी 2022 तक अपने नौसैनिक बड़े को अत्याधुनिक करने और परमाणु शक्ति से लैश करने के लिए छः पामाणु पनडुब्बी बनाने का अभियान शुरू किया है। इसके बाद भारत की नौसेना फ़्रांस और ब्रिटेन से भी ज्यादा ताकतवर हो जाएगी। इधर लगातार भारत की बढती ताकत को देखकर चीन ठंढा पड़ गया है। इससे भारत चीन की तिब्बत और अरुणांचल नीति पर दबाव डाल सकता है।

कुछ ही सालों में भारत चीन से बहुत आगे निकल जायेगा और चीन की हिम्मत नहीं होगी। भारत-अमेरिका और भारत-जापान की बढती हुई सैन्य साझेदारी भी दिन के लिए सर दर्द बना हुआ है। भारत लगातार एशिया के अनेक हिस्सों में अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है। इस बात को चीन और पाकिस्तान अच्छी तरह से जानते हैं कि जल्द ही भारत आर्थिक और परमाणु शक्ति के मामले में सबसे ताकतवर देश होगा। पाकिस्तान के लिए मुश्किलें और बढ़ गयी है। अब वह कश्मीर मुद्दे पर भारत से टकराने की हिम्मत नहीं करेगा।

Back to top button