कहते है कुत्तों की भौकने के आदत कभी नहीं जाती. कुछ ऐसी ही आदत पाकिस्तान की भी है. कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के बदनाम परमाणु वैज्ञानिक ए. क्यू. खान ने कहा था की पाकिस्तान चाहे तो दिल्ली पर पांच मिनट में परमाणु बम गिरा सकता है. उसके इस बयान पर भारत की तरफ़ा से कोई सख्त प्रक्रिया नहीं की गयी. क्यूंकि भारत ये जनता है की ए. क्यू. खान वो बोल गए जो वो कर ही नहीं सकते.
चाहे पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का जखीरा कितना भी बढ़ा ले उन्हें लांच करने की तकनीक में अभी भी वो भारत से काफी पीछे है. भारत के पास ऐसे जंगी विमानों की संख्या पाकिस्तान से दस गुना अधिक है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं. भारत के पास मिराज, सुखोई, मिग, जैगुआर जैसे लड़ाकू विमान है जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ़ 50 जंगी विमानों का बेड़ा है जिसमे चीन से प्राप्त जेएफ-17 थंडर और अमेरिका से मिले एफ-16 विमान है. हाल ही में भारत-अमेरिका परमाणु संधि से भारत लगभग 80 किलो टन यूरेनियम का उपयोग सुरक्षा क्षेत्र में कर सकेगा जो पाकिस्तान से बहुत अधिक है.
भारत तीनो माध्यमो जमीन, पानी तथा हवा से पाकिस्तान पर परमाणु बम गिराने में सक्षम है पर पाकिस्तान के पास ऐसी कोई भी तकनीक नहीं है की वो भारत पर पानी के माध्यम से परमाणु हमला कर सके.
पाकिस्तान के पास मौजूद शाहीन-1 और शाहीन-2 मिसाइल मुख्य रूप से 2750 किलो मीटर तक निशान लगा सकती है, जबकि भारत की अग्नि-2 और अग्नि-3 5000 किलो मीटर तक निशाना लगाने में सक्षम है. इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत ने हाल ही में अग्नि-5 मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया है जो 8000 किलो मीटर दूर तक निशाना लगा सकती है.
भारत के पास आईएनएस अरिहंत जैसे परमाणु पनडुब्बी है जो 12, के-15 और के-4 परमाणु मिसाइलो से लैस है. जबकि पाकिस्तान के पास ऐसी कोई बैलिस्टिक परमाणु पनडुब्बी है ही नहीं.