कर्ज उतारने के लिए भी कर्ज लेता है पाकिस्तान! देता है Nuclear Attack की धमकी…..जानिए कितना कंगाल है पाकिस्तान!
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान दोनों एक साथ ही संप्रभु राष्ट्र बने। लेकिन आज भारत दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बना चुका है। वहीं पाकिस्तान के सामने अपने अस्तित्व को बचाने का ही खतरा पैदा हो गया है। पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज, उधार की अर्थव्यवस्था है। Pakistan economic condition.
लानत है! कर्ज उतारने के लिए भी कर्ज (Pakistan Economic Condition )-
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान हर साल 50 बिलियन डॉलर यानी 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए कर्ज चुकाता है। हालात यह हैं कि पाकिस्तान को कर्ज उतारने के लिए कर्ज लेना पड़ता है । पर जब वही पाकिस्तान न्यूक्लियर वेपन्स प्रोग्राम की बात करता है तो हास्यास्पद सा लगता है।
यूनाइडेट नेशंस में पाक के प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि पाकिस्तान अपने एटमी प्रोग्राम को लिमिटेड नहीं करेगा। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने नवाज शरीफ से न्यूक्लियर वेपन्स प्रोग्राम पर भी लगाम लगाने को कहा था। जिस पर रोक लगाने से पाकिस्तान ने इंकार कर दिया है।
जानिए खस्ताहाल पाक की हालत क्या है –
पाकिस्तान में आतंकवाद, खराब कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, महंगाई पाकिस्तान में चरम पर है। पाकिस्तान कि हालात यो हैं कि वहां एक लीटर दूध की कीमत भारत से दुगनी 80 से 90 रूपए प्रति लीटर है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी ग्रीस की तरह उधार पर आधारित हो गई है। पाकिस्तान के नागरिकों को घर, पढ़ाई जैसे लगभग सभी कामों के लिए कर्ज लेना पड़ता है। यहां तक कि कर्ज की किश्त चुकाने के लिए भी उधार लेने कि नौबत है। इसकी दो बड़ी वजह है एक इकोनॉमी को मजबूत करने से ज्यादा हथियारों पर खर्च करना।
पाकिस्तान ने दुनियाभर से 163 बिलियन डॉलर यानी 17 ट्रिलियन रुपये का कर्ज ले रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कई दशकों से अर्थव्यवस्था कॉमर्शियल और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लोन के सहारे चल रही है।
पाकिस्तान ने कर्ज की किश्त चुकाने के लिए भी कई बार कर्जा लिया है। अमेरिका चीन समेत दुनिया के कई देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान को पैसे देते हैं। लेकिन पाकिस्तान इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ Proxy War, आंतकवाद को बढ़ावा देने में करता है। भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान दुनिया के 175 देशों में 126 नंबर पर है।