आशाराम बापू और रामरहीम के बाद हरिद्वार के इस आश्रम में हुआ बड़ा कांड
देश में इनदिनों बाबा और उनके आश्रम चर्चा में हैं। गुजरात के कथित संत आशाराम बापू और हरियाणा के सिरसा में गुरप्रीत राम रहीम के बाद एक और बाबा के आश्रम में बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है। मामला हरिद्वार के निरंकारी सत्संग भवन परिसर का है। जहां गुरुवार की रात को दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया। जिसके बाद बाबा के मानने वाले और समर्थकों में हड़कंप मच गया है। दरअसल यहां काम करने वाले दो सेवादारों के शव क्षत विक्षत रूप में आश्रम के बाहर मिले। मृतकों की पहचान भवन के ही कर्मचारी और सेवक के रूप में की जा रही है। वहीं मृतक के परिजन मौत के पीछे हत्या का आरोप निरंकारी सत्संग भवन पर रहने वाले लोगों पर ही लगा रहे हैं।
वारदात हरिद्वार स्थित निरंकारी सत्संग भवन की है, जहां तडके सुबह स्थानीय लोगो को दो अज्ञात शव भवन परिसर में पडे मिले…शव की खबर मिलते ही लोगो में खलबली मच गई। जिसके बाद स्थानीय पलिस को मामले की जानकारी दी गई। मृत्कों की पहचान भवन के ही सेवक और चौकीदार के रुप में की जा रही है। मामला भवन से जुडा देख मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है। मौके पर एसपी सीटी के साथ पुलिस के कई आलाधिकारी मौजूद थे।
पुलिस की माने तो दोनों की हत्या बड़े ही निर्मम तरीके से की गई है। पुलिस ने कार्रवाई में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। वही दूसरी ओर मृतक सोनू के परिजनों ने यहां पहुंचकर जमकर हंगामे के साथ, भवन संचालकों पर हत्या का गंभीर आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि उनके बेटे को भ्रमित कर सेवादार बनाया गया था। परिजनों के बढ़ते हंगामें को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत किया।
पुलिस ने शव को देखने के बाद आशंका जताई जा रही है कि कमल राम की छाती पर गाड़ी चढ़ाई गई है। शव पर टायर के निशान थे वहीं आंखों और नाक से भी खून निकला हुआ था। पुलिस इस बात से इन्कार नहीं कर रही है कि कमलराम की हत्या ट्रक या डंपर के कुचलकर की गई है। लेकिन सोनू कुमार के शरीर पर ऐसा कोई निशान नहीं पाया गया है।
सत्संग स्थल पर में नए भवन का निर्माण चल रहा है। रात को मिट्टी और अन्य सामान लाने ले जाने के लिए ट्रक व डंपर आते रहते हैं। सत्संग भवन के संयोजक का कहना है जो भी ट्रक या डंपर रात को अंदर घुसता है, चौकीदार उनकी एंट्री करता है। उनके मुताबिक, रात को दो ट्रक और एक डंपर आए थे। एक ट्रक साढ़े सात बजे घुसा था, जो वापस चला गया, जबकि दूसरा साढे़ नौ बजे के करीब। इन दोनों की एंट्री रजिस्टर में है। जबकि रात को करीब साढ़े बारह बजे एक और डंपर वहां आया था। जो सुबह भी घटनास्थल पर खड़ा था। इसकी एंट्री रजिस्टर में दर्ज नहीं है। चालक जिशान का कहना है कि रात को जब वह डंपर लेकर वहां पहुंचा तो किसी ने गेट नहीं खोला। इसलिए उसने ही स्वयं गेट खोलकर डंपर को अंदर घुसाया।