रियो पैरालंपिक: अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़, झाझरिया ने जीता गोल्ड
ब्राजील के रियो से भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है. पैरालंपिक में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है. भाला फेंक में देवेंद्र झाझरिया ने गोल्ड जीत लिया है. पैरालंपिक में यह उनका दूसरा गोल्ड है.
एथेंस में भी जीता था गोल्ड
12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने गोल्ड जीता था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज है.
वर्ल्ड रिकॉर्ड
देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया. देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया. एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था. 35 वर्षीय देवेंद्र राजस्थान के चुरू के रहने वाले हैं. झाझरिया ने 2002 में साउथ कोरिया में हुए FESPIC गेम्स और 2013 में आईपीसी ऐथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. झाझरिया को 2012 में पद्म श्री मिला था.
आर्थिक मुश्किलें भी नहीं रोक सकी रास्ता
झाझरिया की राह में आर्थिक मुश्किलें खड़ी हुईं लेकिन वह लगातार आगे बढ़ते रहे. इसी साल एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘मैं आठ या नौ साल का था जब मुझे बिजली का करंट लगा. मैं गांव में एक पेड़ पर चढ़ रहा था तभी मेरा हाथ बिजली की तार से टकरा गया. शायद यह 11000 वॉल्ट की तार थी. इस दुर्घटना की वजह से मेरा दायां हाथ खराब हो गया.’
भारत के तीन एथलीटों ने जैवेलिन में लिया हिस्सा
इस साल पैरालंपिक में भारत की ओर से जैवेलिन में हिस्सा लेने तीन एथलीट गए थे. देवेंद्र के अलावा रिंकू सिंह जैवेलिन थ्रो में पांचवें स्थान पर रहे. तीसरे पैराएथलीट सुंदर सिंह गुर्जर से भी मेडल की बड़ी उम्मीदें थीं लेकिन वे इवेंट के लिए वक्त पर स्टेडियम ही नहीं पहुंच पाए.