क्या अकेला रहना पसंद है आपको? तो हो सकती है यह गंभीर बीमारी, तुरंत कराएं इलाज
लोगों में किसी न किसी बात कर डर तो ज़रूर रहता है. इस डर को हम ‘फोबिया’ के नाम से जानते हैं. कुछ लोगों को ऊंचाई का डर होता है तो कुछ लोगों को पानी का. कुछ को आग से डर लगता है तो कुछ अकेलेपन से घबराते हैं. ये फोबिया इतना ज्यादा होता है कि लोग इसे उनका पागलपन कहने लगते हैं. उन्हें समझ नहीं आता कि कोई व्यक्ति किसी चीज़ से इतना कैसे डर सकता है. लेकिन इस बात का अंदाज़ केवल उस व्यक्ति को होता है जिसे फोबिया है. वह इसे दूर करने की बजाय इससे बचने के बहाने ढूंढने लगते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें हमेशा अकेले रहने की आदत होती है. अपने साथ ज्यादा लोग उन्हें बर्दाश्त नहीं होते. आज हम ऐसे ही कुछ फोबिया के बारे में बात करेंगे.
कुछ लोगों को अकेला रहना इतना पसंद होता है कि ज़रा सी भीड़ होने पर उनका दम घुटने लगता है. ऐसे लोग भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचते हैं. अपने आस-पास ये लोग ज्यादा लोग बर्दाश्त नहीं कर पाते. ज्यादा भीड़ होने पर इन्हें घबराहट होने लगती है. इन लोगों में भीड़ का डर इस कदर समा जाता है कि वह किसी सामाजिक गतिविधि में भी भाग नहीं लेते. यह डर एक तरह का फोबिया होता है. यदि आप भी ऐसा महसूस करते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लें.
साफ़-सफाई हर कोई पसंद करता है. लेकिन कुछ लोगों में साफ़-सफाई करने की आदत इस हद तक होती है कि आस-पास के लोग उनकी इस आदत से परेशान हो जाते हैं. इन्हें धूल-मिट्टी और गंदगी ज़रा भी पसंद नहीं होती. ऐसे लोग धूल-मिट्टी और कीटाणुओं के फोबिया से ग्रसित होते हैं. इसे माइसोफोबिया भी कहते हैं. ऐसे लोगों को थोड़ी सी भी गंदगी होने पर घबराहट, सांस लेने में दिक्कत, धड़कन बढ़ना, सीने में दर्द और कंपकंपी जैसे समस्या होने लगती है.
कुछ लोग ऊंचाई वाली जगह पर नहीं जाते. किसी ऊंची जगह जाने पर उन्हें घबराहट होने लगती है. यह भी एक तरह का फोबिया है जिसे एक्रोफोबिया के नाम से जाना जाता है. ऊंची जगह पर जाने पर इन्हें पैनिक अटैक आने लगता है और उन्हें लगता है कि वह अभी वहां से गिर जाएंगे. यदि ऐसी जगह पर वह ज्यादा देर तक रहें तो उन्हें उल्टी या फिर बुखार जैसी समस्या होने लगती है.
कुछ लोगों को अंधेरा बिलकुल बर्दाश्त नहीं होता. यहां तक कि वह सोते समय भी लाइट जला कर सोते हैं. यह भी एक तरह का फोबिया होता है जो ज्यादा बढ़ने पर मानसिक समस्या का रूप ले सकता है. अंधेरा होने पर ये लोग बहुत घबराने लगते हैं और उन्हें हमेशा अपने आस-पास किसी के होने का डर सताता है. ये ऐसी किसी भी जगह पर जाने से बचते हैं जहां पर अंधेरा या बिलकुल स्थिर वातावरण हो. इस फोबिया का उपचार मनोचिकित्सक कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी से संभव है.