3 महीने के बच्चे के पेट से निकला कुछ ऐसा की डॉक्टर्स ने कहा ऐसी अनहोनी हमने पहले कभी देखी न थी
आज तक यही अकाट्य सत्य है कि महिला बच्चे को जन्म देती है लेकिन अगर पुरुष के पेट मे भ्रूण पालने की बात सामने आ जाये तो यह मामला छोटा नही होगा. हाल ही में वाराणसी स्थित बीएचयू में एक ऐसी घटना घटी जब पुरुष के पेट मे बच्चा पल रहा था और वह पुरुष कोई वयस्क नही बल्कि एक 3 महीने का शिशु था. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने काफी मेहनत के बाद बच्चे से पेट से भ्रूण को निकाला लेकिन यह मामला एक बड़े स्तर की खबर थी क्योंकि पुरुष के पेट मे भ्रूण का पलना किसी अनहोनी से कम नही. जानते हैं पूरा मामला आखिर यह खबर किस हद तक सच है…
खबर के अनुसार परिजन बिहार के भभुआ जिले के निवासी थे जिनकी शादी को 4 साल गुजर गए पर घर मे संतान नही हुआ. सत्येंद्र यादव और उसकी पत्नी रंजुबाला अपनी इस दुखड़ा पर हरदम रोते रहते थे कि तभी उसके माँ बनने की खबर आई और एक इंतजार के बाद उस घर मे भी वारिस का आगमन हुआ. अभी लोगो ने ठीक से खुशियां भी नही मनाई थी कि तुरत वह दुख में तब्दील हो गया क्योंकि उन्होंने देखा कि बच्चे के पेट मे गोला बनने जैसी संरचना उभर रही थी. परिवार वालो ने जब नजदीकी अस्पताल में संपर्क किया तो डॉक्टर्स ने यह कहकर टाल दिया कि बच्चे के शरीर मे किडनी खराब है जिसके वजह से पेशाब ठीक से निकल नही पा रहा. लेकिन परिजनों ने होशियारी दिखाते हुए उसे तुरंत नजदीकी बीएचयू में ले जाने की सोची.
बीएचयू भारत का सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी है जहां सभी विभागों के स्पेसलिस्ट मौजूद होते हैं. सत्येंद्र यादव ने जब अपने बेटे की हालत बयां की तो डॉक्टर्स घबरा गए क्योंकि मात्र 3 महीने के शिशु की किडनी खराब होने की शिकायत जानलेवा थी. मौके पर शल्य विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर्स ने ऑपेरशन की तैयारी शुरू कर दी. लगभग 3 घंटे तक चले इस आपरेशन का परिणाम जानने तक सबकी सांसे अटकी पड़ी थी लेकिन जब ऑपेरशन का परिणाम आया तो पूरे अस्पताल में हड़कम्प मच गया. दरअसल डॉक्टर्स को ऑपरेशन के बाद बच्चे के पेट में किडनी खराब होने की शिकायत नही बल्कि एक अविकसित भ्रूण मिला, मेडिकल की भाषा मे इसे फीट्स इन फिटू का नाम दिया जाता है. लेकिन यह शिकायत लड़कियों के साथ देखा जाता था आज पहली बार ऐसा हुआ जब किसी लड़के के पेट मे भ्रूण को पाया गया है.
नवजात बच्चियों के साथ यह शिकायत BHU में पहले 2 बार आ चुका है लेकिन आज पहली बार ऐसा हुआ जब किसी पुरुष के पेट मे भ्रूण पलने की बात सामने आई हैं. हालांकि अगर उस निम्न डॉक्टर के पास इलाज चल रहा होता तो बच्चे की जान नही बच पाती क्योंकि किडनी जैसी कोई समस्या थी ही नही. ऑपेरशन के बाद बच्चे की स्थिति बिगड़ ना जाये इसके लिए डॉक्टर्स ने आईसीयू में रखने की सोची और फिलहाल बच्चे की जान खतरे से बाहर है. वहां हज़ारों की तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी थी और सब यही चाहते थे कि इस नवजात के साथ भगवान ने गलत किया लेकिन तब भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले डॉक्टर्स ने उसकी जान बचा ली.