देश में सबसे बड़ा घोटाला करने वाला सीएम दोषी करार
यूं तो देश में एक से बढ़कर एक घोटाले हुए हैं, हजारों करोड़ छोड़िए, लाखों करोड़ों की बात भी छोटी है, लेकिन कुछ घोटाले ऐसे हैं, जिसमें सीधे तौर पर नेता इनवॉल्व हैं, उन्ही में से एक था झारखंड का घोटाला जिसमें के बजट का आधा पैसा खा लिया था। जो देश में किसी नेता के द्वारा किया गया पहला बड़ा घोटाला था। इतना ही नहीं इस मुख्यमंत्री ने कोयला घोटाला में अहम भूमिका निभाई जिसमें कोर्ट ने उसे दोषी मान लिया है। अब बारी सजा सुनाए जाने की है।
केंद्र में जब कांग्रेस सरकार थी और झारखंड में एक साझा सरकार चल रही थी। उस वक्त देश में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला हुआ था। कोयला घोटाले में अब दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को दोषी माना है, जिनको जल्द ही सजा सुनाई जाएगी। कोर्ट ने इस मामले में मधु कोड़ा के साथ-साथ पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु को दोषी माना गया है। इसके साथ ही दो और लोग हैं जिन्हें सजा मिलेगी। सभी लोगों को अपराधिक साजिश रचने और सेक्शन 120बी के तहत दोषी पाया गया है।
झारखंड के कोल ब्लॉक को लेकर सीबीआई ने आरोप लगाया था कि VISUL जिसने रजहरा नोर्थ कोल ब्लॉक के लिए आठ जनवरी 2007 को अपना नाम दिया था उसको कोल ब्लॉक देने के लिए झारखंड सरकार या फिर स्टील मंत्रालय ने नहीं कहा था, लेकिन 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने वह ब्लॉक आरोपी कंपनी को देने की वकालत की थी। यानी की कथित रूप से या यूं कहें गलत तरीके से कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटिड को ब्लाक आवंटित कर दिया गया।
सीबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक ने कहा था कि तात्कालीन कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस तथ्य को छिपाया था कि झारखंड सरकार ने VISUL को ब्लॉक देने की वकालत नहीं की है, कुल मिलाकर गुप्ता ने स्वयं साजिश रच कर VISUL को कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी से मिली भगत करके ब्लॉक दिला दिया था। उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास कोयला मंत्रालय का चार्ज था।कोयला घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सभी को साजिश रचने का आरोपी बनाते हुए, आरोप लगाया कि मधु कोड़ा, बसु और बाकी दो लोगों ने मिलकर पूरी साजिश रची था, सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट में इस सभी का नाम डाला, साथ ही कोर्ट को बताया की इन लोगों ने VISUL को ब्लॉक आवंटित करने में सहयोग दिया।