तांबे की अंगूठी क्यों पहनते हैं लोग, फायदे जानकर हो जाएंगे दंग
भारत में राशि, नाम, ग्रह देखकर अंगूठी और उसमें नग लगाकर लोग पहनते हैं, लेकिन कुछ लोग हाथों में छल्ला भी पहनते है, जिसमें की तांबे का छल्ला अकसर लोगों के हाथों में आपने देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं, की इसके लाभ क्या है। तांबा का बर्तन भी घरों में खूब इस्ते माल किया जाता है, क्योंकि ये शुद्ध माना जाता है, ऐसे ही कुछ बातें है, तांबे के छल्ले में जिसको पहने ने से लोगों को तमाम लाभ मिलते है। उन्हीं में से कुछ का आज हम यहां जिक्र करने जा रहे हैं।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और तांबे को धातुओं को राजा माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सोना, चांदी और तांबा शुद्ध धातु माने गए हैं। तांबा एक ऐसी धातु है जिसे ज्योतिष और विज्ञान दोनों में मान्यता है। इसीलिए तांबा धारण करने से या इस्तेमाल करने से कई बीमारियों से बचा रहता है। तांबा एक ऐसी धातु है जो पानी से लेकर हर चीज में मौजूद कीटाणुओं को खत्म कर देता है। इसी लिए ज्यौतिष में नौ ग्रहों के बारे में बताया गया है, साथ ही हर ग्रह के लिए किसी एक धातु को विशेष मान्यता दी गई है।
तांबे की अंगूठी रिंग फिंगर यानी की सूर्य की उंगली में पहनना चाहिए इसे शुभ माना जाता है। इस उंगली में तांबा धारण करने से सूर्य से जुड़े हुए सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही किसी व्यक्ति की पर यदि मंगल की क्रूर दशा हो, तो उसके लिए तांबा लाभकारी है इससे मंगल के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
तांबा धातुओं का राजा होने की वजह से अंगूठी के लिहाज से भी लाभदायक मानी जाती है। इसके साथ ही तांबा वास्तु के अनुसार फायदेमंद मानी जाती है। ऐसे में स्वास्थ्य और त्वचा के लिए भी तांबा लाभकारी है। नाखून और त्वचा से जुड़ी बीमारियों को ठीक और स्वस्थ्य करने में तांबा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
तांबा लगातार त्वचा के संपर्क में बना रहता है जिसके कारण त्वचा में चमक आती है।आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तनों का उपयोग हमारे इम्यून सिस्टम को ठीक करता है। इसी तरह तांबे की अंगूठी भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। तांबे की अंगूठी से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है। शरीर में आई सूजन को तांबे अंगूठी कम कर सकती है।
तांबे और सूर्य का ज्योतिष अनुसार एक जोड़ बताया गया है, तांबे की अंगूठी से समाज में प्रभाव बढ़ता है। जिसमें ज्योतिष मानते हैं कि इससे घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है।