राजनीति

रामसेतु के सामने विदेशी विज्ञानियों ने झुकाया सर, कहा इस से बेहतर कारीगरी हो ही नहीं सकती है

नई दिल्ली: आज समय आ गया है कि राजनीतिक फायदे के लिए देश के लोग इतिहास को भी नकारने लगे हैं। धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की बजाय उसे इनकार करने में उन्हें ज्यादा फायदा दिखाई देता है। इसका ही एक नमूना है रामसेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाना। कुछ लोग इसे काल्पनिक बताते हैं। भूगर्भ विज्ञानियों और अर्कियोलोजिस्ट की टीम ने सैटेलाईट से मिले चित्रों और सेतु स्थल के पत्थरों और बालू की जाँच करने के बाद यह पाया है कि भारत और श्रीलंका के बीच एक सेतु निर्माण किये जाने के संकेत मिले हैं।

वैज्ञानिक इसे एक सुपर ह्यूमन अचीवमेंट मान रहे हैं। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के दौरान यह पता लगाया कि भारत-श्रीलंका के बीच 30 मील के क्षेत्र में बालू की चट्टानें पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। लेकिन उसके ऊपर जो पत्थर रखे हुए मिले हैं, उन्हें कहीं और से लाया गया है। यह लगभग 7 हजार साल पुराना है लेकिन उसके ऊपर मौजूद पत्थर 4-5 हजार साल पुराने प्रतीत होते हैं। भारत के दक्षिण-पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच उथली चट्टानों की एक चेन है।

इस इलाके में समुद्र बहुत उथला है। समुद्र में इन चट्टानों की गहराई 3 फूट से लेकर 30 फूट के बीच है। इसे भारत के लोग रामसेतु नाम से जानते हैं जबकि विदेशों में इसे एडम्स ब्रिज के नाम से जाना जाता है। इस पुल की कुल लम्बाई 48 किलोमीटर लम्बी है। भौतिक रूप से रामसेतु उत्तर में बंगाल की खाड़ी को दक्षिण में शांत और स्वच्छ पानी वाली मन्नार की खाड़ी से अलग करता है। यह धार्मिक एवं मानसिक रूप से दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ता है। जियोलॉजिस्ट डॉक्ट र एलेन लेस्टषर बताते हैं कि हिंदू मान्यलता के मुताबिक इस पुल को भगवान राम ने बनवाया था।

*- नासा की तरफ से लगाई गयी तस्वीर को भू-वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक बताया है।

 

*- भू-वैज्ञानिकों ने अपने शोध से यह पता लगाया है कि 30 मील लम्बी यह श्रृंखला चेन मानवों द्वारा निर्मित की गयी है।

 

*- वैज्ञानिकों ने यह भी पता लगाया कि जिस बालू वाली चट्टान पर पत्थर रखें गए हैं, वह पत्थर कहीं अन्य जगह से लाये गए हैं।

 

*- वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पत्थर लगभग 7 हजार साल पुराना है।

 

*- रखे गए पत्थर को 5-5 हजार साल पुँराना माना जा रहा है, जी समय रामायण में इसे बनाने की बात की गयी है।

वीडियो देखें:

Back to top button
?>
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor