12वीं की छात्रा कर रही थी क्लास में गंदे काम, टीचर ने रंगे हाथों पकड कर किया ऐसा हाल..
आज की युवा पीढ़ी काफी बदलती जा रही है. अब लोगों में पहले जमाने की तरह धैर्य और अच्छाई नहीं रही. आज की युव पीढ़ी का खून काफी खोलने लग गया है. अपनी नई नई जवानी के जोश में वह गलत काम करने लग जाते हैं. और अगर उन्हें कोई समझाने की कोशिश करे या डांट लगा दे तो वह गुस्से में पागल हो जाते हैं और खुद को नुक्सान पहुँचाने का सोच लेते हैं. कईं बार तो बच्चे जोश में इतना होश खो बैठते हैं कि गुस्से में आत्महत्या जैसे कदम उठाने से भी परहेज़ नहीं करते. यूंह मान लीजिये कि आज की युवा पीढ़ी को किसी का डर नहीं रहा. वह अपनी जिद्द मनवाने को किसी भी हद तक जा सकते हैं. कुछ ऐसा ही अजीबो गरीब मामला हाल ही में हमारे सामने आया है. जहाँ, इंदौर के पास देवास जिले के एबेनेजर स्कूल की 17 वर्षीय एक छात्रा स्कूल की क्लास में छिप कर गंदे काम कर रही थी. लेकिन, तभी उसको शिक्षक ने रंगे हाथों पकड़ लिया. बहरहाल, चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या था…
दरअसल ये मामला एक 12वीं कक्षा की छात्रा मुस्कान का है. जयबजरंग निवासी रामचरन राजोरिया की बेटी मुस्कान अपने स्कूल में छिप कर सिगरेट पी रही थी. जिसके बाद स्कूल प्रशाशन ने उसको स्मोकिंग करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया और स्कूल से निकाल दिया. इस बात से छात्रा को ऐसा धक्का लगा कि उसने बीते बुधवार की दोपहर 2:30 बजे फांसी लगा कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी.
जानकारी के अनुसार मुस्कान के स्कूल में स्पोर्ट्स डे चल रहा था. जिसके लिए वह भी स्कूल पहुंची थी. लेकिन, इतने में स्कूल प्रधान ने मुस्कान की माँ को वहां बुला लिया और उन्हें स्कूल में लगे cctv कैमरा की फुटेज दिखाई. फुटेज में अपनी बच्ची को सिगरेट पिता देख उसकी माँ के होश उड़ गये. जिसके बाद स्कूल वालों ने उसको स्कूल से निकाल दिया. घर आकर मुस्कान ने माँ को सोने का बहाना बनाया और उपर अपने कमरे में चली गयी. दोपहर को जब माँ ने कमरे में में देखा तो उनकी बच्ची दुप्पटे के फंदे से फांसी लगा कर मर चुकी थी.
काउन्सलर और विज्ञानियों का कहना है कि इस उम्र के बच्चों को माँ बाप के साथ की अधिक जरूरत होती है. ऐसे में माँ बाप को अपने बच्चों पर विशेष रूप में ध्यान रखने की जरूरत रहती है. क्यूँ कि जवानी के जोश में कईं बार हमारे बच्चे गलत दोस्तों की सांगत में पड़ जाते हैं और गंदे काम करना शुरू कर जाते हैं. इस उम्र में उन्हें समझ की कमी होती है. ऐसे में परिवार का साथ उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
काउन्सलर रीना शर्मा ने बताया कि इस उम्र के बच्चों पर माँ बाप को नजर रखनी चाहिए. यदि उन्हें अपने बच्चे की किसी गतिविधि पर शक होता है तो उन्हें उसको मारने या डांटने से पहले उनको अच्छे से प्यार से समझाना चाहिए. क्यूंकि, बच्चे मार से और ज्यादा बिगड़ जाते हैं. ऐसे में प्यार से समझाई गयी बात को वह अच्छे से समझ जाते हैं. इसलिए जब आपका बच्चा गलती करे तो उसको प्यार से समझाईये कि इससे उसका भाविष्य खराब हो जायेगा. क्यूंकि आपकी डांट कईं बार बच्चे की जान लेने का कारण भी बन सकती है.