शादी से पहले दहेज़ में लड़के ने माँगा “बुलेट”, तो लड़की ने दिया ऐसा बुलेट जवाब कि सबके होश उड़ गये
कानपुर: भारत सरकार दहेज़ को लेकर आये दिन सख्त से सख्त कानून बना रही है. लेकिन फिर भी दहेज़ के लालचियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा. आये दिन अख़बारों में दहेज़ से जुडी न कोई न कोई ख़बर हमारा बेटियों की शादी प्रति आत्म विश्वास कम होता जा रहा है. भारत में रोज़ ही कोई न कोई बेटी दहेज़ की बलि चढ़ा दी जाती है. ऐसे में हर माँ बाप का अपनी बेटियों की शादी के प्रति एक डर सा बना रहता है. लेकिन, आज हम आपको दहेज़ के बारे में ऐसी घटना लेकर आये हैं, जिसको पढ़ कर आपको बेटियों पर गर्व महसूस होगा. दरअसल, ये घटना कानपूर जिले की है. जहाँ, एक लड़की शादी के बंधन में बंधने जा रही थी. शादी की सभी तैयारियां लगभग हो चुकी थी. लेकिन, अंत में दुल्हे ने दुल्हन को बुलेट दिलाने की डिमांड रख दी. जिसके बाद लड़की ने उसको कुछ ऐसा जवाब दिया कि सबके होश उड़ गये. तो चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या था…
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ये सुषमा नामक लड़की मुंबई के एमकाम की छात्रा रह चुकी थी. जब सुषमा को शादी का प्रस्ताव मिला तो वह इस बात को सोच कर हामी भर दी कि लड़के का परिवार और घर अच्छा है इसलिए वह वहां खुश रहेगी. लेकिन, जब शादी से पहले ही दुल्हे ने उससे बुलेट की डिमांड रख दी तो वह समझ गयी कि ये लोग लालची हैं और वह वहां चाह कर भी खुश नही रह पायेगी. जिसके बाद सुषमा ने शादी से साफ़ इनकार कर दिया और कहा कि, “जिस घर में बेटी की जगह पैसों की पूजा होती है, वहां मेरे जैसी कोई बहु नहीं बस सकती. ऐसे घर में मैं चाह कर भी शादी नहीं कर सकती”.
सुषमा
मिली जानकारी के अनुसार ये पूरी घटना जालौन के माधौगढ़ कस्बा की है. जहाँ सुषमा की शादी हो रही थी. जब बारात पहुंची तो सबने उनका धूम धाम से स्वागत किया. लेकिन, इसके बाद लड़के वालों ने लड़की के पिता को बुलेट देने के लिए कहा. जिसके बाद ये बात सुषमा के कानों तक पहुँच गयी और उसने बुलेट की जगह शादी से इनकार करना ठीक समझा.
अपनी बेटी के अचानक से शादी के इनकार से सभी बाराती हक्के बक्के रह गये. जबकि, सुषमा के पिता को अपनी बेटी पर गर्व महसूस हो रहा था. सुषमा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ी लिखी और समझदार है. वह दहेज़ के सख्त खिलाफ है ऐसे में बुलेट को स्वीकारना उसके लिए पाप करने के सामान था.
गाँव वालों ने भी सुषमा का साथ देते हुए कहा कि उन्हें अपनी बच्ची पर गर्व है. उनके अनुसार सुषमा से शादी से इनकार करे उनके गाँव के मान को और अधिक बढ़ा दिया है. गाँव वालों ने बताया कि ऐसा करने से दहेज़ के लालचियों को एक नया सबक मिलेगा. हमारे भारत में जितने भी दहेज़ के प्रेमी हैं, उनको बढ़ावा देने की बजाये अगर हम भी ऐसा ही कदम उठा लें तो यकीन मानिये दोस्तों ये दहेज़ ले लालचियों के मुह पर एक करारा तमाचा सिद्ध होगा जो हमेशा उनका सिर शर्म से झुकाता रहेगा.