देव, मनुष्य या फिर राक्षस? जानिए किस गण में हुआ है आपका जन्म?
दुनिया में मनुष्य का जन्म सबसे ज्यादा अहम बताया गया है। अच्छे कर्मों की वजह से ही मनुष्य का जन्म प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में इन गुणों की काफी मान्यता दी गई है इसलिए विवाह की शुरूआत करने से पहले लड़का-लड़की के गुणों को मिलाया जाता है।हिन्दु धर्म में विवाह पूर्व लड़के और लड़कियों के गुणों को मिलाया जाता है। इन आठ कूटों को वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी कहा जाता है। इसी के आधार पर विवाह पूर्व लड़के और लड़कियों के गुणों को मिलाया जाता है।
गण तीन प्रकार के होते हैं – 1. देवगण, 2. मनुष्य गण, 3. राक्षस गण। जिस का जन्म मनुष्य गण में उत्पन्न होता है उसे मानी, धनवान, विशाल नेत्र वाला, धनुर्विद्या का जानकार और लोगों को वशीभुत करने वाला माना जाता है। वहीं जिसका जन्म राक्षस गण में होता है उसे उन्मादयुक्त, भयंकर स्वरूप, झगड़ालु, प्रमेह रोग से पीड़ित और कटु वचन बोलने वाला माना जाता है। इसी तरह देव गण में जन्में व्यक्ति के गुण देवताओं के समान होते हैं। देव गण में जन्में लोग दानी, बुद्धिमान, कम खाने वाला और कोमल हृदय वाले होते हैं। गण के आधार पर मनुष्य का स्वभाव और उसका चरित्र का पता लगाया जा सकता है।
गण के हिसाब से भिन्न-भिन्न तरह की खूबियाँ
राक्षण गण में जन्में लोग अपने आसपास मौजूद नकारात्मक शक्तियों को पहचान लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें बुरी शक्तियों का आभास जल्द हो जाता है और वो उसके अधीन भी जल्द ही आ जाते हैं।
वहीं देवगण और मनुष्य गण में जन्में लोगों को सकारात्मक शक्तियों का आभास जल्द हो जाता है और वो नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित होते हैं। माना जाता है कि राक्षस गण में जन्में लोगों की छठी इन्द्री यानि सिक्स्थ सेंस अन्य लोगों के मुकाबले बेहतर होती है। राक्षस गण के लोग कठीन परिस्थितियों में भयभीत होने के बजाय उसका सामना करते हैं।
आपका जन्म किस गण में हुआ है? नक्षत्रों पर निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जन्म के समय जो ग्रह होते हैं उनसे ही गण का निर्धारण होता है। आपका जन्म किस ग्रह के अंतर्गत हुआ है और आपकी राशि क्या है इससे ही आपके भविष्य का भी निर्धारण होता है।
आपको बता दें कि अगर आपका जन्म अश्लेषा, विशाखा, कृत्तिका, मघा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा, शतभिषा नक्षत्र में हुआ है तो आपका गण, राक्षण गण है। अमुमन लोगों में ये धारणा देखने को मिलती है कि वो राक्षण गण को बुरा मानते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। राक्षण गण के गुण या विशेषताएं विशिष्ट होती हैं। लेकिन, इनमें कुछ अवगुण भी अवश्य होते हैं।