ढाई साल की मासूम के गले में था दर्द, डॉक्टर ने इंजेक्शन के बहाने दिया खौफनाक काम को अंजाम
ग्वालियर: एक डॉक्टर को जान बचाने वाला दूसरा भगवान माना जाता है. क्यूंकि, अपने इलाज़ से डॉक्टर कईं बार मौत के मुंह से भी इंसान को बचा लेते हैं. ऐसे में डॉक्टर से हर कोई इंसान जीने की उम्मीद रखता ही है. भले हमारे शरीर में किसी भी प्रकार का कष्ट आजाये लेकिन, हम सबको ये विश्वास होता है कि डॉक्टर से दवाई लेंगे तो हम बिलकुल ठीक हो जायेंगे. लेकिन, क्या होगा जब जान बचाने वाला रक्षक ही भक्षक बन बैठेगा? कुछ ऐसा ही अजीबो गरीब मामला घाटीगांव से हमारे सामने आया है. जहाँ जान की रक्षा करने वाले एक डॉक्टर ने ढाई साल की मासूम बच्ची को मार डाला. दरअसल, घाटीगांव में एक मासूम बच्ची के गले में दर्द था. जिसका इलाज कवने के लिए उसके चाचा उसको डॉक्टर के पास ले आये. परन्तु वह नहीं जानते थे कि जिस डॉक्टर के पास वह जा रहे हैं, वो फर्जी डॉक्टर है. डॉक्टर बने उस शैतान ने बच्ची को दर्द भगाने के लिए एक ऐसा इंजेक्शन दिया कि बच्ची हमेशा के लिए दर्द से दूर चली गयी. चलिए जानते हैं आखिर ये पूरा मामला क्या था…
दरअसल, मृतक बच्ची(वंदना) के पिता राजकुमार नौकरी के लिए गुजरात गये हुए थे ऐसे में उनके छोटे भाई उसकी बच्ची का ख्याल रख रहे थे. मिली जानकारी के अनुसार वंदना की चाचा ने बताया कि उनकी बच्ची को गले में दर्द की शिकायत थी. जिसके बाद उन्होंने उसको अस्पताल लेजाना बेहतर समझा. लेकिन वहां जाकर डॉक्टर ने उसको इंजेक्शन लगा दिया और कहा कि इंजेक्शन वाले स्थान पर हाथ मलते रहो अभी बच्ची ठीक हो जाएगी. परन्तु कुछ ही देर बाद वंदना की आँखें खुली रह गयी. वंदना के चाचा ने डॉक्टर से पुछा कि वंदना को वह बोलता और चलता लेकर आये थे लेकिन,अब उसकी आँखें खुली क्यूँ हैं? ऐसे में डॉक्टर ने कहा कि “घबराने की कोई बात नही है आप इसको ग्वालियर ले जाओ”. परन्तु बच्ची की कोई हरकत ना होते हुए देख और उसकी आंखें खुली देख उसके चाचा डर गये और पुलिस को बुला लिया और रोते रोते कहने लगे कि “मैं अपने भाई को क्या जवाब दूंगा? कैसे कहूँगा कि आपकी बिटिया अब नहीं रही?”
फर्जी डॉक्टर द्वारा मासूम की हत्या के बाद पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया. उन्होंने कईं क्लिनिकस पर छापेमारी की जिनमे से अधिकतर फर्जी डॉक्टर भाग निकले. जानकारी के अनुसार 7 जुलाई को जिला प्रशासन के साथ सीएमएचओ की टीम ने मोहना-घाटीगांव में संचालित फर्जी डॉक्टरों की क्लीनिक सील करनी शुरू कर दी थी. इके बाद मोहना में 40 और घाटीगांव में 12 क्लीनिक को स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया था. साथ ही 9 दिन के बाद सीएमएचओ ने सील खुलवाकर दवाएं और इलाज में प्रयोग किए जाने वाले अन्य कईं तरह के सामान को कर लिया. फिलहाल, मिली रिपोर्ट के अनुसार अब घाटीगांव में क्लीनिक की संख्या घटकर 26 और 12 रह गई है.
इस मौत से पहले ही पुलिस ने उस फर्जी क्लिनिक को सील किया था. परन्तु बाद में वहां कोचिंग शुरू हो गयी थी. पुलिस इस बात से अनजान थी कि कोचिंग के बाद फिर से उस अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा था. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने इस केस को अपने हाथर कहा है कि जल्द से जल्द जिले में फर्जी क्लिनिक बंद कर दीये जायेंगे. वंदना की मौत के बाद उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है और पुलिस ने कारवाई शुरू कर दी है. जाने कब तक हमारे भारत में भगवान का भेस अपनाकर शैतान दुनिया को लूटते रहेंगे.