अगर जल्दी मां बनना चाहती हैं तो अपनाएं ये तरीके, बढ़ेंगे प्रेग्नेंसी के चांसेस
मां बनना किसी स्त्री के लिए जीवन का सबसे सुखद एहसास होता है और हर औरत इसके सपने बुनती है पर कई बार कुछ महिलाओं को गर्भधारण में दिक्कते होती हैं और कांप्लिकेशंस की वजह से महिलाएं चाह कर भी गर्भधारण नही कर पाती हैं। ऐसे में ये महिलाएं निराश हो जाती है लेकिन वास्तव में ऐसी स्थिति में निराश होने की आवश्यकता नही है। अगर कोई महिला गर्भधारण की कोशिशें कर रही है और फिर भी गर्भधारण नहीं हो रहा तो इसेक लिए कुछ उपाय और तरीकें हैं जिनके जरिए आसानी से गर्भधारण किया जा सकता है। आज हम आपको इन्ही तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे अपनाकर जल्दी प्रेग्नेंट हुआ जा सकता है।
गर्भधारण के लिए सही उम्र 18 से 28 साल के बीच की होती है जबकि 30,35 के बाद महिला के प्रेग्नेंसी के चांसेज कम हो जाते हैं । ऐसे में महिलाओं को 35 से पहले ही मां बनने की प्लानिंग करनी चाहिए.. अगर आपकी उम्र 30 से ज्यादा है और प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रही हैं तो इसके लिए डॉक्टरी परार्मश जरूर लें ताकि गर्भधारण करने में कोई दिक्कत ना आए।
नवविवाहित अक्सर अपनी पहली प्रेग्नेंसी को खत्म करने की गलती कर बैठते हैं जबकि पहली प्रेग्नेंसी ही आपके फर्टिलाइजेशन को समृद्ध करती है। ऐसे में अगर आपने पहली प्रेग्नेंसी को ही अबॉर्शन के जरिए खत्म करवा दिया तो आगे गर्भधारण में काफी कांप्लिकेशंस हो सकते हैं।
गर्भ धारण करने के लिए महिला में फर्टिलिटी होना बहुत जरूरी है। जैसे कि माहवारी समय पर होती हो और फर्टिलाइजेशन भी समय पर होता हो, इसके लिए आप डाक्टर से फर्टिलिटी की जांच करा सकती हैं और अगर जांच में फर्टिलिटी कम आती है तो प्रेग्नेंसी की प्लानिंग से पहले इसका ट्रीटमेंट करा लें।
अगर आप जल्दी मां बनना चाहती है तो आपको ऑवुलेशन पीरियड के बारे में जानना और समझना होगा। दरअसल ऑवुलेशन पीरियड वो समय होता है जब गर्भधारण करने का सम्भावना सबसे अधिक रहती है। ये मासिक पीरियड के दस दिन बाद शुरू होता है जो लगभग एक हफ्ते तक रहता है। ऐसे में अगर आपके मासिक धर्म नियमित हैं तो आप इसकी गिनती स्वयं कर सकती हैं.. साथ ही इसके लिए आजकल कई एप्स भी आ गए हैं जो आपके ऑवुलेशन पीरियड की सही जानकारी दे सकते हैं। इस तरह इसके बारे में पताकर प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करें।
अधिक वजन भी प्रेग्नेंसी में कांप्लिकेशंस पैदा करता है ..दरअसल मोटापे के चलते महिलाओं के फेलोपियन ट्यूब और ओवरी के बंद होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती है।यहां तक कि कई बार तो इसके चलते कुछ महिलाओं की बच्चेदानी में सिस्ट तक हो जाते हैं। इसलिए अगर आप प्रेग्नेंसी की प्लानिंग कर रही हैं तो सबसे पहले अपने वजन पर कंट्रोल करें।
आपकी सेहत और आहार का भी आपके प्रेग्नेंसी की क्षमता पर पूरा प्रभाव पड़ता है ऐसे में होने वाली मां के लिए जरूरी है कि सेहतमंद आहार खाएं और खान पान पर पूरा ध्यान दें। कहते हैं कि महिला की डाइट प्रॉपर रहे तो प्रेग्नेंसी के चांस 30 फीसदी बढ़ जाते हैं।
आजकल हनीमून के साथ साथ कंसेप्शनमून का ट्रेंड चल रहा है.. विदेशों में लोग खासकर गर्भधारण करने के उद्देश्य से कंसेप्शनमून पर जाते हैं। नौकरी और लाइफ के दूसरे टेंशन से कंसेप्शनमून का पति पत्नी को काफी फायदा मिलता है क्योंकि यहां बिना किसी तनाव और परेशानी के अच्छे और रिलेक्स माहौल के बीच गर्भधारण के प्रयास किए जाते हैं ।