ओवैसी की मुसलमानों को चेतावनी, कहा हिन्दुस्तान में जिंदा रहना है तो करना होगा ऐसा
एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अक्सर अपने विवादित बयानबाजी के कारण चर्चा में बने रहते हैं.. ऑल इंडिया मजलिसे एत्तेहादुल मुस्लिमीन नाम की सम्प्रदायिक पार्टी के जरिए मुसलमानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए ओवैसी वर्तमान केन्द्र सरकार पर ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाते रहे हैं और इसी कड़ी में तीन तलाक पर प्रस्तावित कानून का विरोध करते हुए ओवैसी ने शनिवार को ‘शरीयत’ और अपना वजूद बचाने के लिए मुसलमानों को एक जुट होने की नसीहत दी है।
ओवैसा ने मुसलमानों को ये नसीहत मिलाद-उन-नबी के मौके पर आयोजित एक जनसभा में दी है .. इस मौके पर ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक के खिलाफ बनने वाला कानून बेबुनियाद है .. ओवैसी का कहना है कि आखिर सरकार मुसलमानों के शरीयत के खिलाफ कोई कानून कैसे बना सकती है..साथ ही सरकार से ये सवाल भी किया कि अगर ऐसा कानून बनता है तो जिनके पतियों को तीन साल जेल भेज दिया जाएगा उन औरतों को केन्द्र सरकार किसी तरह कि आर्थिक सहायता देगी। गौरतलब है कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक को बैन करने के बाद अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को और भी प्रभावी तरीके से बनाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने का फैसला किया है और इसके लिए सरकार वर्तमान दंड प्रावधानों में संशोधन करने पर विचार कर रही है। इसे लेकर मुस्लिम समुदाय और संस्थाओं में बगावत देखने को मिल रहा है.. एमआईएम प्रमुख ओवैसी ने इसी बात को मुद्दा बनाते हुए अपनी जनरैली में केंद्र सरकार और उसके फैसलों को मुस्लिम विरोधी बताया और भारतीय मुस्लमानो से अपने वजूद बचाने के लिए एक होने की नसीहत दी।
ओवैसी ने इस मौके पर पद्मावती को मुद्दा बनाते हुए केंद्र सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किए.. ओवैसी ने पूछा कि ‘‘जब आप एक फिल्म ‘पद्मावती’ को रिलीज करने की अनुमति नहीं दे सकते, तो आप मेरी शरीयत में कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं।’’ ओवैसी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार मुस्लिम महिलाओं के लिए हमदर्दी दिखाते हुए मुस्लमानों के शरीयत में दखल दे रही है वहीं जब उनके धर्म की बता आती है तो एक फिल्म पर रोक लग जाती है।
साथ ही पद्मावती फिल्म का जिक्र करते हुए एमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि मुसलमानों को राजपूतों से सबक लेनी चाहिए, जो कि कम संख्या में होने के बावजूद अपने मान सम्मना की लड़ाई लड़ रहे हैं और फिल्म की रिलीज रोकने के लिए एक साथ आए हैं । ऐसे में राजपूतो से सबक लेकर मुस्लिम को भी अपने शरीयत को बचाने के लिए एक होना चाहिए। साथ ही इसी कड़ी में ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को विभिन्न हिन्दु जातियों जैसे पटेल, गुर्जर, जाट और मराठों से भी सबक सीखना चाहिए जो अपने अधिकारों और आरक्षण के लिए एक जुट दिखते हैं।