नौसेना के सामने बड़ी चुनौती, भारत की इकलौती परमाणु पनडुब्बी आइएनएस चक्र क्षतिग्रस्त
नई दिल्ली: आज के समय में हर देश की ताकत उसके परमाणु हथियारों की वजह से मानी जा रही है। जिस देश के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार होते हैं, वह देश सबसे ज्यादा ताकतवर देश माना जाता है। इस मामले में रूस और अमेरिका सबसे आगे हैं। रूस और अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं, जीतने किसी भी देश के पास नहीं है। परमाणु हथियारों का प्रयोग पनडुब्बियों और हवाई जहाज से किया जा सकता है। भारत के पास परमाणु हथियारों की संख्या पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से भी कम है।
हालांकि पाकिस्तान के मुकाबले भारत कहीं ज्यादा शक्तिशाली है। भारत के दुश्मनों बारे में सभी लोग जानते हैं। एक तरफ पाकिस्तान समय-समय पर अपनी नापाक चाल चलता रहता है तो वहीँ चीन भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में भारत को बहुत ज्यादा सजग रहने की जरुरत है। भारत के समुद्री सीमा की रक्षा भारतीय नौसेना के जिम्मे है। भारतीय नौसेना में कई बड़े लड़ाकू जहाज भी हैं, जो दुश्मन के छक्के छुड़ाने में माहिर हैं। लेकिन भरतीय नौसेना में परमाणु पनडुब्बी केवल एक ही है।
आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि भारतीय नौसेना में तैनात इकलौती परमाणु पनडुब्बी आइएनएस चक्र छतिग्रस्त हो गयी है। नौसेना के प्रमुख सुनील लाम्बा ने शुक्रवार को बताया कि इस घटना के बोर्ड ऑफ़ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। 190 मेगावाट के परमाणु रिएक्टर वाली इस पनडुब्बी को रूस से भारत ने 2012 में 10 साल के लिए लीज पर लिया था। नौसेना दिवस से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए एडमिरल लाम्बा ने बताया कि पनडुब्बी के सोनल डोम्स को छति पहुँची है और उसके दो पैनल उखड गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि रूस और भारत के विशेषज्ञ पहले ही पनडुब्बी की छति का आकलन करने के लिए पहले ही परिक्षण कर चुके हैं। साथ ही नए पैनलों को भी आदेश दिया जा चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्दी ही पनडुब्बी ठीक हो जाएगी। एडमिरल लाम्बा ने रुसी मीडिया की उन रिपोर्टों को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि भारत ने अमेरिकी तकनीकि विशेषज्ञों से पनडुब्बी की जाँच करवाने के आदेश दिए हैं। लाम्बा ने साफ़-साफ़ कहा कि कोई भी अमेरिकी अधिकारी ने इसे करीब से नहीं देखा है।