हिममानव को लेकर इस रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा, टूट गया हिममानव के दीवानों का दिल, जानें कैसे?
हिममानव यानि येती के अस्तिव को लेकर सदियों से बहस हो रही है। एक बार फिर वैज्ञानिकों ने येती के रहस्य को सुलझाने का दावा किया है। बफलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि हिमालय में मिले दांत, बाल और हड्डियों के नमूने हिममानव के नहीं हैं। एक जर्नल में प्रकाशित किये गए रिपोर्ट में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने आठ नमूनों पर शोध किया, जिनमें से एक कुत्ते का है बाकी सात नमूने एशियाई काले भालू के हैं। शोधकर्ताओं ने तिब्बती पठार पर मिले नमूनों का अध्ययन किया था।
इन नमूनों में हाथ की खाल, हड्डी आदि शामिल थे। खाल के नमूनों का मिलान काले एशियाई भालुओं से हुआ तो वही दूसरी तरफ पता चल की हड्डियाँ भूरे तिब्बती भालुओं की हैं। आपको बता दें यह पहली बार नहीं है जब येती की सच्चाई का पता लगाने के लिए नमूनों के डी’एनए की जाँच की गयी हो। इससे पहले भी कई शोध हो चुके हैं लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पायी। इस शोध के दौरान हिमालय पर पाए जाने वाले 23 एशियाई भालुओं के सैम्पल का अध्ययन किया गया। इनमें उन नमूनों को भी शामिल किया गया था, जिसे येती का बाल कहा जा रहा था।
कुछ मामलों में अभी भी मतभेद बना हुआ है। शोधकर्ताओं की एक टीम का मानना है कि पाया गया बालों का गुच्छा 40 हजार साल पुराने पोलर बीयर का है तो वहीँ दूसरी टीम का मानना है कि यह बालों का गुच्छा भूरे रंग के भालुओं का है जो हिमालय में मिलते हैं। उनका मानना है कि ग्लेशियर और पहाड़ों की वजह से यह भालू अलग हो गए होंगे। पोलर बीयर के बारे में दावा करने वाली टीम का कहना है कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह आज भी मौजूद हैं, लेकिन यह सम्भावना है कि उनकी उप प्रजातियाँ आज भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहती हों।
येती को कई नामों से जाना जाता है। कुछ लोग हिममानव, महामानव, वनमानुष के नाम से भी येती को जानते हैं। यह कई सालों से रहस्य बना हुआ है। कई टीवी चैनलों से लेकर वैज्ञानिक भी उनके ऊपर खोज कर चुके हैं। हालांकि अभी भी यह रहस्य सुलझ ही गया है, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि येती एक विशाल महामानव की आकृति का एक जीव है, जो पूरा बालों से ढंका रहता है। यह बहुत ताकतवर होता है और उसके पास से एक अजीब सी गंध आती है। येती के पैरों का साइज़ भी बड़ा होता है और उसकी आवाज चीख जैसी होती है। ऐसा माना जाता है कि भारत, नेपाल और तिब्बत के हिमालयी क्षेत्रों में येती का घर है। रूस के साइबेरिया इलाके में भी येती के पाए जाने का दावा किया जा चुका है।