गुजरात चुनाव में बीजेपी पर अकेले भारी पड़ेगी ये खूबसूरत लड़की, जानिए कौन है ये?
गुजरात चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जीत के लिए हर तरह के टोटके आजमा रही है. पार्टी अपने-अपने कैंडिडेट्स मैदान में उतार रहे हैं. दोनों पार्टियों की कोशिश है कि वह अपने बेस्ट कैंडिडेट को चुनाव के लिए उतारे. ऐसे में वह तरह-तरह के हथकंडे आजमा रहे हैं. वह ऐसे प्रत्याशी चुन कर ला रहे हैं जिनकी छवि साफ़-सुथरी है. इस बार लेकिन कांग्रेस वालों ने ऐसी चाल चली है जो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. कांग्रेस ने एक ऐसे प्रत्याशी को खड़ा किया है जिसकी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. बीजेपी के गढ़ मणिनगर में कांग्रेस ने एक बहुत ही बड़ा दाव खेल दिया है. उन्होंने मणिनगर के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता को टिकट दिया है. कांग्रेस की इस प्रत्याशी का नाम श्वेता ब्रह्मभट्ट है. श्वेता पेशे से मैनेजिंग कंसलटेंट हैं.
हम आपको बता दें की श्वेता के पिता भी कांग्रेस पार्टी में रह चुके हैं. उन्होंने साल 2000 में कांग्रेस की तरफ से म्युनिसिपल कॉपोरेशन का चुनाव लड़ा था. श्वेता राजनीती में नहीं बल्कि कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अपना करियर बनाना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने अहमदाबाद के एक कॉलेज से BBA की डिग्री भी ली. BBA कम्पलीट करने के बाद आगे की पढाई के लिए वह लंदन चली गईं.
श्वेता महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती हैं और इसी मकसद के साथ वह राजनीती में आई हैं. उनकी उम्र 34 साल है. पहले श्वेता का बिज़नेस करने का प्लान था. इसके लिए वह स्टैंड अप इंडिया से लोन लेकर खुद का कोई बिज़नेस खोलना चाहती थीं. लेकिन दिक्कतें आने पर उन्होंने राजनीती में आने का मन बना लिया.
श्वेता का नाम कांग्रेसी प्रत्याशी के तौर पर सामने आने पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. इस फैसले के खिलाफ कुछ लोगों ने तो प्रदर्शन भी किया. जानकारी के लिए बता दें कि अब तक मणिनगर से सुरेश पटेल जीतते आये हैं. ऐसे में एक नए चहरे का वहां से लड़ना बीजेपी के लिए मुसीबत लेकर आ सकता है.
श्वेता के अनुसार, उनका फोकस बीजेपी को हराना नहीं है. उनका मानना है कि राजनीती में इतना काम होना चाहिए कि लोग नेताओं की बात मानें, उनके जैसे बनने की प्रेरणा लें और समाज के लिए एक नया उदाहरण स्थापित करें. श्वेता ने आगे कहा कि उन्होंने कांग्रेस को इसलिए चुना क्योंकि उन्हें लगता है कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा में चलने वाली पार्टी है. खैर, अब देखना यह है कि कांग्रेस का यह नया दाव कितना काम आता है. इस नए युवा चेहरे को उतारने से उन्हें कुछ फायदा मिलता है या पहले की तरह सुरेश पटेल ही यह जीत अपने नाम करेंगे.