माता वैष्णों देवी की 10 अनदेखी तस्वीरें और रहस्मयी बातें
माता वैष्णों देवी (Vaishno Devi) का मंदिर उत्तर भारत का सबसे अधिक विख्यात एवं शक्तिशाली धार्मिक स्थान है.
हर साल लाखों लोग माता Vaishno Devi की यात्रा करने आते हैं. आज घर बैठे-बैठे ही हम आपको माता Vaishno Devi मंदिर के दर्शन कराने वाले हैं.
तो चलते हैं सीधे माता Vaishno Devi मंदिर और पढ़ते हैं माता के मंदिर के बारें में कुछ रोचक जानकरी-
गुफा निर्माण के इतिहास की जानकारी किसी को नहीं है
1. माता Vaishno Devi के मंदिर के लिए सबसे अधिक हैरान करने वाली बात तो यही है कि आज तक माता के मंदिर के निर्माण और खासकर गुफा के इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं है. माता का मंदिर कैसे नजर आया और कैसे मंदिर की उत्पत्ति हुई है, यह एक रहस्य ही है. माता की गुफा का रहस्य तो इससे भी बड़ा है.
2. शास्त्रों ने अन्दर माता वैष्णों देवीहस्य को के रजब खोजा जाता है तो यही पता चलता है कि माता Vaishno Devi जी की उत्पत्ति विष्णु जी के अंश से हुई है.
माता ने भैरवनाथ का वध किया था
3. माता Vaishno Devi का मंदिर भारत के अंदर हिन्दुओं का दूसरा सबसे अधिक विख्यात मंदिर हैं. एक तरह से बोला जाए तो यह मंदिर तिरूमला वेंकटेश्वर के बाद सबसे अधिक मान्यता प्राप्त मंदिर हैं.
4. मंदिर के पास ही भवन है. यहाँ पर माता ने भैरवनाथ का वध किया था. भैरवनाथ ने माता के ही हाथों मृत्यु सिर्फ और सिर्फ मुक्ति की प्राप्ति के लिए ली थी. आज यहाँ भवन में माँ काली, माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी पिंडी गुफा में विराजित है.
मंदिर में तीन गुफा जाती हैं
5. माता Vaishno Devi मंदिर में तीन गुफा जाती हैं और इन गुफाओं की मुख्य बात यह है कि यह काफी संकरी हैं. मुख्य रास्ते को वैसे अब मंदिर तक जाने के लिए बंद किया हुआ है और भी जो दो गुफायें मंदिर तक जाती हैं वह मानव निर्मित हैं.
6. जो भक्त यहाँ जाते हैं वह एक सबसे बड़ी गलती करते हैं कि वह सिर्फ माता के मंदिर तक जाते हैं लेकिन यहाँ मान्यता है कि यदि भैरव मंदिर तक नहीं जाया जाये तो यह धार्मिक यात्रा अधूरी ही मानी जाती है. माता ने भैरव को यह आशीर्वाद दिया था कि जो भी भक्त मेरे दर्शन करने आएगा, वह भैरव मंदिर भी जरूर जायेगा.
दरबार तक जाने वाले भक्त की आधी बीमारियाँ खत्म हो जाती हैं
7. वैज्ञानिक नजरिये से बात करें तो माता के दरबार तक जाने वाले भक्त की आधी बीमारियाँ तो यहाँ की चढ़ाई के समय ही खत्म हो जाती हैं. मंदिर कुछ 15 हजार फुट की ऊँचाई पर है और यहाँ जाने से शरीर का हर अंग काम करने लग जाता है.
8. अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि गुफा में माता का निवास कहाँ है? लेकिन बोला जाता है कि माता वैष्णों जी यहाँ हमेशा विराजमान रहती हैं. मुख्य गुफा कुछ 98 फीट लम्बी है और गुफा में जो मुख्य चबूतरा है, यहाँ माता सदा विराजमान रहती हैं.
हनुमान जी भी हाजरी देते हैं
9. माता के दरबार में हनुमान जी भी हाजरी देते हैं. ऐसा शास्त्रों की कथाओं में बताया गया है कि जब भैरवनाथ ने माता को युद्ध के लिए ललकारा था तो भैरव का पहला युद्ध हनुमान जी से ही हुआ था. जब हनुमान जी निढाल होने लगे थे तो माता ने काली का रूप लेकर भैरवनाथ का सर काटा था.
10. माता के दरबार में यदि कोई भक्त हाजरी लगाने जा रहा है तो उसको अपने दिल में छल, कपट और किसी भी तरह का पाप नहीं रखना चाहिए. माता के दरबार की मुख्य खासियत यही है कि यहाँ से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा है.
तो इस तरह से माता का दरबार स्थापित हुआ और आज माता वैष्णों देवी (Vaishno Devi ) मंदिर की महिमा दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. वर्तमान में यहाँ हर साल कुछ एक लाख भक्त माता के दर्शन करने आ रहे हैं.