पाक के गृह मंत्री ने इस्लामाबाद में चल रहे विरोध प्रदर्शन का जिम्मेदार भारत को ठहराया
पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान इकबाल के दावे के अनुसार, इस्लामाबाद में पिछले 2 हफ्ते से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों ने भारत से संपर्क साधा था. सरकार उनके ऐसा करने की वजह तराश रही है. गृहमंत्री ने अपने दावे के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया है. डॉन न्यूज़ से हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जितने भी लोग एकत्र हुए थे वह कोई आम प्रदर्शनकारी नहीं थे. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि “हमने उनके पास तरह-तरह के संसाधन देखे हैं. उनके पास आंसूं गैस के गोले भी हैं, जो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर दागे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने कैमरों के फाइबर ऑप्टिक भी काट दिए जो उनकी गतिविधियों पर नज़र रखे हुए थे”.
इकबाल को पूरी तरह से यकीन है कि प्रदर्शनकारियों ने भारत से संपर्क किया था और वह यह बात बहुत दावे के साथ कह रहे हैं. इक़बाल कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया इस बात की जानकारी फ़िलहाल उनके पास नहीं है पर वह इस बात का पता जल्दी लगा कर रहेंगे. उन्होंने कहा कि “प्रदर्शनकारियों के पास अंदरूनी सूचना और संसाधन है, जिसका इस्तेमाल राज्य के खिलाफ किया जा रहा है”.
इस्लामाबाद में 6 नवंबर से ही करीब 2000 कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. ये प्रदर्शनकारी तहरीक-ए-लाबैक या रसूल अल्ला और अन्य धार्मिक समूहों के हैं. यह प्रदर्शनकारी विधि मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. ऐसा करने की वजह ख़त्म-ए-नबुव्वत में बदलाव या चुनाव अधिनियम 2017 में पैगंबरी की शपथ को अंतिम रूप देना है.
पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने शुक्रवार रात से ही इस्लामाबाद की ओर जानेवाले राजमार्ग की घेराबंदी कर दी है और प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू कर दिया है. सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई जिसमें शनिवार की रात एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं. इस अभियान के चलते तमाम सोशल मीडिया साइट्स को बंद कर दिया गया है. हम आपको बता दें कि गृहमंत्री के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अवमानना का नोटिस जारी किया जिसके बाद ही यह अभियान शुरू हुआ है. यह नोटिस तब जारी किया गया जब अदालत सड़क खाली कराने के आदेश को लागू करने में नाकाम रही.