बिना कपड़ों के ये तीन काम भूल से भी ना करें, वरना पड़ेगा महंगा
आपने मनोज कुमार की सुपर हिट फिल्म “रोटी कपडा और मकान” तो देखी ही होगी. इस फिल्म में इंसान के लिए तीन चीज़ों की अहमियत बखूबी दिखाई गयी थी. जिनमे से रोटी कपड़ा और मकान अहम थे. बिना रोटी के इंसान का जीना असंभव है. वहीँ मकान में रहने से ही लोग इस धरती परहर परिस्थिथि में जीना सीख सकते हैं. और अगर बात की जाये कपड़ों की तो, कपड़े भी इंसा की ज़िन्दग में अहम किरदार निभाते हैं. बिना कपड़ों के इंसान मौसम के अनुकूल जीना नहीं सीख सकता. इसके इलावा कपड़े हर इंसान की पर्सनालिटी का सबसे अहम हिस्सा हैं. बदलते समय के साथ साथ कपड़ों का फैशन और डिजाईन भी बदलता रहता है. ऐसे में लड़का हो या लड़की, दोनों के लिए कपड़े बहुत ख़ास होते हैं. हर कोई अपनी मर्जी के अनुसार कपड़े पहनना चाहता है.
वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें खुले और ढीले कपड़े पहनना अधिक पसंद आता है. इनका कारण है शरीर की गर्मी. शरीर को ठंडक पहुँचाने के लिए बहुत से लोग ढीले वस्त्र पहनते हैं या कुछ लोग तो बिना कपड़ों के ही सोना पसंद करते हैं. लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार ऐसे बहुत सारे काम हैं, जो इंसान को कभी भी बिना कपड़े के नहीं करने चाहिए. आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही तीन कामो के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप भूल से भी निर्वस्त्र होकर ना करें. तो चलिए जानते हैं उन तीन कामो के बारे में…
बिना कपड़े कभी ना नहाएं
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि विष्णु पुराण में बिना कपड़ो के नहाना सख्त मना किया गया है. इसके लिए विष्णु पुराण के बाहरवें पन्ने पर साफ़ साफ़ ज़िक्र किया गया है कि इंसान को नहाते समय कभी भी बिना कपड़ों के नहीं नहाना चाहिए बल्कि, कपड़ो से ढंक कर ही खुद को नहाना चाहिए. इसका कारण उन्होंने कृष्ण जी की एक कथा से जोड़ा है. जब नदी में कृष्ण की गोपियाँ नाहा रही थी तो कृष्ण ने उनके कपड़े चुरा लिए थे. जिसके बाद उन्होंने उन गोपियों को समझाया कि आज उन्होंने कपड़े चुराए हैं कल को कोई और भी उन्हें चुराने की हिम्मत कर सकता था. इसके लिए जब भी नहाओ, कुछ न कुछ कपड़े पहन कर ही नहाओ.
निर्वस्त्र होकर सोना है महापाप
जहाँ एक तरफ हमारी साइंस कहती है कि बिना कपड़ों के सोना सबसे ज्यादा फायदेमंद है, इससे शरीर को अच्छी नींद मिलती है और तापमान स्थिर रहता है. वहीँ दूसरी तरफ विष्णु पुराण में बिना कपड़ों के सोने से साफ़ साफ़ मना किया गया है. इसका कारण उन्होंने चंदा मामा को यानी चंद्र देव को माना है. ऐसे सोने से हम चंद्र भगवान का अपमान करते हैं. इसके इलावा रात के समय में हमारे पूर्वजों की आत्माएं और पित्रों का आना जाना होता है. इसलिए वह हमे नग्न अवस्था में देख कर भडक जाते हैं. इसके इलावा बिना कपड़ों के व्यक्ति पर बुरी शक्तियां भी ज्यादा जल्दी प्रभाव करती हैं.
बिना कपड़ों के आचमन भी ना करें
बहुत सारे लोग आचमन के दौरान कपड़े नहीं पहनते. जबकि ऐसे हम लोग अपने देवी देवताओं का अपमान करते हैं. शास्त्रों के अनुसार आचमन करते समय इंसान के शरीर पर बिना सिले हुए कपड़े अवश्य होने ही चाहिए. पूजा के दौरान बिना कपड़ों के आचमन करना विधि के विपरीत माना जाता है. शायद इसलिए भी आचमन और पूजा के पवित्र समय में कपड़े पहनना जरूरी है.