जमीन पर बैठकर खाना खाने से होते हैं ये चमत्कारी लाभ, जानकर रह जाएंगे हैरान
देश में पुरातन काल से ही जमीन पर बैठकर हमारे ऋषि मुनि और महर्षियों से लेकर राजा महाराजा तक जमीन पर आसन लगाकर खाना खाते थे। लेकिन अंग्रेजो के काल में कुर्सी पर बैठकर खाना खाना फैशन बन गया। लोग नीचे बैठकर खाना खाना असभ्यता का प्रतीक बना दिया गया। कुछ सालों बाद इसे स्टैंडर्ड और स्टेटस से जोड़ दिया गया, वहीं आज जमाना ये आ गया है कि शादियों में लोग खड़े-खड़े खाना खा रहे हैं। जो न सिर्फ शरीर के लिए हानिकारक है। बल्कि बैठकर खाना खाने से असीमित लाभ है। जमीन पर बैठकर खाना खाने से होते हैं ये चमत्कारी लाभ, जानकर रह जाएंगे हैरान
भारत वर्ष की प्राचीन परंपरा
क्या आपने कभी सोचा है कि प्राचीन काल में देश के बड़े-बड़े ऋषि-महर्षि जमीन पर बैठकर ही भोजन क्यों किया करते थे। क्यों की न तो वो असभ्य थे और ना ही गरीब और निम्न दर्जे के, लेकिन फिर भी वो भोजन करने के लिए जमीन पर ही बैठते थे वो क्या राजा महाराजा भी यही करते थे। दरअसल उनकी इस आदत के पीछे एक बड़ा कारण था क्योंकि खाना खाना भी एक आसन है। जमीन पर बैठकर खाना खाने का मतलब सिर्फ पेट भरना ही नहीं होता बल्कि यह एक प्रकार का योगासन भी माना जाता है। पूर्वजों और योग के जानकारों की माने तो जमीन पर पलथी मारकर खाना सुखासन या पद्मासन है जो की हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी
जमीन पर बैठकर खाना खाने से रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, जिससे आपके शरीर को आराम का अनुभव होता है। इससे आपकी सांस थोड़ी धीमी पड़ती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप यानी ब्लडप्रेशर में भी कमी आती है। आज तनाव भरे जीवन शैली में जमीन पर बैठकर खाना लाभकारी साबित होगा।
पाचन क्रिया को दुरुस्त करें
जमीन पर बैठने से पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है, खाना भी जल्दी पचता है। जिससे पेट के रोग होने की संभावना भी कम रहती है। आज देश में ज्यादातर लोग पेट के रोगों से पीड़ित हैं। जमीन पर बैठकर खाना खाने से ना सिर्फ आप भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं बल्कि साथ ही साथ योग भी हो जाता हैं।
खाना खाने के साथ योग भी
जमीन पर बैठकर खाने से आपको भोजन करने के लिए प्लेट की तरफ झुकना होता है, यह एक नैचुरल पोज है। लगातार आगे होकर झुकने और फिर पीछे होने की प्रक्रिया से आपके पेट की मांसपेशियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जिसकी वजह से आपकी पाचन क्रिया में सुधार होता है।
कमर दर्द से मुक्ति पाईए
खाना खाने के समय जब पद्मासन में बैठते हैं तब आपके पेट, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे की मांसपेशियों में लगातार खिंचाव रहता है जिसकी वजह से दर्द से छुटकारा मिलता है। इससे मांसपेशियों में अगर खिंचाव लगातार बना रहेगा तो इससे कमर के दर्द और कमर में झटके से पीड़ित लोगों को लाभ होगा।
मोटापे से भी मिलती है मुक्ति
जमीन पर बैठना और उठना, यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो उठक बैठक एक व्यायाम है। जिसको पहलवान से लेकर खिलाड़ी तक करते हैं। खाना खाने के लिए जमीन पर बैठना होता है और फिर उठना जो की व्यायाम की श्रेणी में है। ऐसे व्याया में पाचन से लेकर कई लाभ अपने आप होते हैं।
दिल और घुटनों के लिए रामबाण
जमीन पर बैठकर खाना खाने के लिए जमीन पर बैठते समय आपको घुटने मोड़ने पड़ते हैं। इससे आपके घुटनों का भी व्यायाम हो जाता है, साथ ही लचक बरकरार रहती है, इस वजह से जोड़ों के दर्द से भी छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं, सही पोस्चर में बैठने से नाड़ियों में दबाव भी कम महसूस होता है। पाचन क्रिया को सही रहने से हृदय को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। जिससे शरीर ही नहीं दिल भी दुरुस्त रहता है।