योगी के इकलौते मुस्लिम मंत्री ने की बड़ी गलती, अब दोबारा करना पड़ेगा ये सब
कहते हैं ज्यादा तेजी कभी कभी भारी पड़ जाती है, इसके चलते कई बार हंसी का पात्र भी बनना पड़ता है। कुछ ऐसा ही हुआ योगी सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री के साथ। क्योंकि सरकार के आदेश के बाद मंत्री जी ने जितना जल्दी से अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया था, उतनी ही तेजी के साथ वो प्रमाण पत्र लेने में नहीं पहुंच सके जिसके बाद उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया। जिसके बाद प्रदेश भर में मंत्री की तेजी की चर्चा शुरु हो गई है।
जल्दीबाजी में किया था रजिस्ट्रेशन
योगी सरकार ने बीते एक अगस्त से प्रदेश में शादियों के रजिस्ट्रेश को अनिवार्य कर दिया था। आदेश के मुताबिक सभीधर्मों के लोगों पर ये नियम लागू होता है। कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसका फौरी तौर पर विरोध किया। जिसके बाद योगी के इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा अपनी पत्नी के साथ तीन अगस्त को कलेक्ट्रेट परिषर में पहुंचकर रजिस्ट्रेश की औपचारिकता पूरी की। मीडिया के सामने मोहसिन रजा ने मुस्लिम समाज को भी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लाभ गिनाए। लोगों से अपील भी की और सरकार के इस आदेश को मानने को कहा। लेकिन तीन महीने के बाद बीते बुधवार यानी 22 नवंबर को अधिकारियों लेटर भेजकर उनको अवगत कराया है कि आपकी शादी का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है। जिसके बाद पूरे प्रदेश में इसको लेकर चर्चा है।
क्यों हुआ शादी का रिजस्ट्रेशन कैंसिल
मोहसिन रजा ने एडीएम ट्रांस गोमती अनिल कुमार के सामने कागजी कार्रवाई करते हुए शादी का रजिस्ट्रेशन कराया था। नियमों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के बाद 90 दिनों के भीतर पति-पत्नी दोनों को शादी के रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र लेने के लिए आना होता है। अन्यथा सरकारी नियमों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो सकता है। मोहसिन रजा से यही गलती हुई और वो अपना रजिस्ट्रेश प्रमाण पत्र लेने नहीं पहुंचे। जिसके बाद उनकी एप्लीकेशन कैंसिल कर दी गई।
कब कैसे क्या क्या हुआ
1 अगस्त को योगी सरकार ने प्रदेश से सभी निवासियों को चाहे वो किसी भी धर्म और जाति के हो, उनके लिए शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। ये रजिस्ट्रेशन उन लोगों को भी कराना था, जिनकी शादी इस नियम से पहले की होगी। आदेश आने के बाद योगी सरकार में राज्यमंत्री मोहसिन रजा पत्नी फौजिया सरवर फातिमा के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। 50 रुपए का फॉर्म भरकर एडीएम ट्रांसगोमती को सौंपा। मंत्री के अनुसार उनकी शादी 4 सितंबर 2001 को हुई थी। इस मौके पर मोहसिन रजा के साथ पिता हैदर रविक, उनकी मां शाहिद बेगम, ससुर जमाल हामिद भी मौजूद थे।
दो बार अधिकारियों ने किया था फोन
अधिकारियों के मुताबिक मोहसिन रजा दो बार कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने फोन किया था लेकिन व्यस्तता के कारण उन्होने आने में असमर्थता जताई थी। जिसके बाद तय नियमों के मुताबिक उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया।
ऐसे होता है शादी का रजिस्ट्रेशन
यूपी में शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए वेबसाइट igrsup.gov.in पर विज़िट करें। नागरिक ऑनलाइन सेवाओं के सेगमेंट में विवाह पंजीकरण का विकल्प मिलेगा। इसमें अगर पति और पत्नी दोनों के पास आधार हैं तो रजिस्ट्रेशन घर बैठे करवा सकते हैं। विवाह के लिए आधार नंबर जरूरी है। पंजीकरण में आधार का वेरीफिकेशन किया जाएगा। इसके साथ मुस्लिम समाज के लोगों को निकाहनामा भी जमा करना होगा। फॉर्म मैरिज रजिस्ट्रेशन फॉर्म कलेक्ट्रेट में जमा किया जाता हैं। फॉर्म जमा करते समय हसबैंड-वाइफ का मौजूद होना अनिवार्य हैं। फॉर्म जमा होने के बाद स्थानीय थाने से पते का वेरीफिकेशन होना भी जरूरी हैं।