जानिये गर्भ में ही बच्चे कैसे बन जाते हैं किन्नर , इन उपायों से आप कर सकते हैं बचाव
ट्रांसजेंडर यानि ऐसा व्यक्ति जिसे समाज न महिला मानता है और ना ही पुरुष। क्योंकि ट्रांसजेंडर में महिला और पुरुष दोनों के ही समान गुण पाए जाते हैं। लेकिन, किसी ट्रांसजेंडर में महिला के गुण ज्यादा हो तो वह उसका महिलाओं के जैसे व्यवहार ज्यादा होगा। इसी तरह अगर उसमें पुरुष के गुण ज्यादा हो तो उसका व्यवहार पुरुषों जैसा हो सकता है। यह हमारे समाज का भेदभाव ही है कि ऐसे लोगों को आज तक हमने सामान्य अधिकार नहीं दिए हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर किन कारणों से ट्रांसजेंडर बच्चे का जन्म होता है।
इन कारणों से ट्रांसजेंडर पैदा होते हैं बच्चे
1 – डॉक्टरों के मुताबिक गर्भावस्था के पहले तीन महीने में ही शिशु का लिंग बनता है। बच्चे के ट्रांसजेंडर पैदा होने के पीछे लिंग धारण करने के इस प्रोसेस के दौरान चोट लगने, टॉक्सिक खान-पान और हॉर्मोनल प्रॉब्लम जैसे कई कारण हो सकते हैं।
2 – गर्भावस्था के इन्हीं शुरूआती तीन महीने में अगर गर्भवती महिला बुखार आने पर कोई अधिक पावर कि दवा खा ले तो भी बच्चे के ट्रांसजेंडर पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है।
3 – गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में टॉक्सिक फूड यानी केमिकली ट्रीटेड या पेस्टिसाइड्स वाले फल या सब्जियों के सेवन से भी ट्रांसजेंडर बच्चा पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
4 – यदि गर्भवती महिला का शिशु के ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचाने वाले किसी एक्सीडेंट या बीमारी हो जाती है तो भी बच्चा ट्रांसजेंडर हो सकता है।
5 – ट्रांसजेंडर के करीब 10 से 15 फीसदी मामले जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण सामने आते हैं। कुछ मामलों में ट्रांसजेंडर बच्चे के जन्म के कारणों का पता नहीं चलता।
बच्चा ट्रांसजेंडर न पैदा हो, इसलिए बरते ये सावधानियां
1 – दवाओं को लेकर हमेशा ही सलाह दी जाती है कि इसे डॉक्टरी सलाह के बिना का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था में दवा खाने से पहले डॉक्टरी सलाह जरुरी है।
2 – गर्भावस्था के दौरान शराब, सिगरेट जैसी नशीली चीजों का सेवन कई कठिनाईयों को जन्म देता है। नींद की दवा लेने से भी पहले डॉक्टर से पूछें।
3 – गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह के टॉक्सिक फूड या पेय पदार्थों का सेवन न करें। हेल्दी डायट गर्भावस्था के लिए अतिआवश्यक है।
4 – थायरॉइड, डायबिटीज या मिर्गी जैसी बीमारियों के मामले में डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
5 – गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनों में स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज ना करें। ऐसा करना आपके लिए और आपके बच्चे को बहुत बड़ी समस्या में डाल सकता है।