पांच वर्षीय बच्ची को आ रहे थे मासिक चक्कर, वजह जानकर परिवार के होश उड़ गये
ऑस्ट्रेलिया: हर मनुष्य के जीवन में वक्त के साथ साथ कुछ न कुछ बदलाव जरुर आते ही रहते हैं. जब एक नन्हा बच्चा पैदा होता है तो वह एक समान दिखता है. लेकिन धीरे धीरे उसमे लड़कों और लड़कियों वाले गुण देखने को मिल जाते हैं. जैसे कि लड़के बढती उम्र के साथ साथ सुडोल और शक्तिशाली शरीर के मालिक बन जाते हैं. ठीक वैसे ही बढती उम्र के साथ साथ लड़कियों के कंधे गोल और ब्रैस्ट बनना शुरू हो जाते हैं. ये सभी बदलाव स्वभाविक है. क्यूँ कि बढती उम्र के साथ साथ हर बच्चे के हार्मोनस भी बदलते रहते हैं. यही हार्मोनस के कारण एक बच्चा नाबालिग से बालिग अवस्था में आता है.एक व्यक्ति इन बदलावों से गुजरता ही गुजरता है. लेकिन, इन सब बदलावों के लिए हर लड़की और लड़के की एक ख़ास उम्र तह की गयी होती है. जैसे की लड़के 16 साल की उम्र के बाद इन बदलावों को महसूस करते हैं, ठीक वैसे ही लड़कियों को ये बदलाव आने में 13 साल की उम्र से 15 साल की उम्र लगती है. लडकियो को इस उम्र के दौरान मासिक चक्कर यानी पीरियड्स आंये लग जाते हैं.
लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसी ख़बर लाये हैं, जिसे पढ़ कर आप हक्के बक्के रह जायेंगे. दरअसल, अरे सामने एक ऐसी बच्ची का केस सामने आया है, जो मात्र 5 वर्षीय है लेकिन फिर भी उसको पीरियड्स आ रहे हैं. इसके पीछे की वजह जान कर आपके होश उड़ जायेंगे. तो चलिए जानते हैं आखिर पूरी ख़बर क्या है…
दो साल में बड़े ब्रैस्ट
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसी बच्ची है, जिसको 5 साल की मासूम उम्र में ही पीरियड्स आ रहे हैं. जबकि, लड़कियों के लिए मासिक चक्करों की उम्र 12 साल से 15 साल की रहती है. इससे पहले उनका शरीर सामान्य रहता है और उन्हें पीरियड्स नहीं आते. लेकिन इस अजीबो गरीब केस से पूरी दुनिया हैरान है. दरअसल,
अस्ट्रेलिया के रहने वाली टैम डोवर ने अपनी पांच साल की बच्ची एमिली डोवर के बारे में अजीब घटना बताई है. टैम के अनुसार उसकी बच्ची को दो साल की उम्र में ही ब्रैस्ट बनना शुरू हो गये थे और पांच वर्ष तक आते आते उसके पीरियड्स आना भी शुरू हो गये थे. जब एमिली की इस सच्चाई के बारे में उसके परिवार को पता चला तो सबके पांव तले से ज़मीन ही खिसक गयी थी.
पीरियड्स आने का ये था सच
टैम की घटना से बड़े बड़े विज्ञानी भी सन्न रह गये हैं. टैम ने बताया कि पीरियड्स के बाद अब उसकी बच्ची एमिली में मेनोपॉज के लक्ष्ण में साफ़ नजर आ रहे है. इसके इलावा टैम ने बताया कि बाकी बच्चों की तरह एमिली का जन्म भी सामान्य हुआ था और वह बचपन में बाकी आम बच्चों की तरह ही थी. लेकिन धीरे धीरे इतने बदलाव आने से उसके परिवार ने डॉक्टर से जांच करवाई तो उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को एडिसन नामक अजीबो गरीब बीमारी है.
डॉक्टरों ने बताया कि एमिली को कीमोथेरिपी के बाद वही सब झेलना पड़ेगा जो मेनोपॉज के दौरान एक 50 साल की महिला को झेलना पड़ता है. इसके इलावा इस मामले पर की गयी एक रिसर्च के अनुसार दि मीनोपोज 40 वर्ष की उम्र से पहले होता है तो, औरतों में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण उनकी हड्डियाँ टूटने का खतरा बना रहता है.