शिवराज सिंह का ऐलान – ‘पद्मावती’ हमारी राष्ट्रमाता, रिलीज नहीं होने देंगे फिल्म
नई दिल्ली – संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का देशभर में विरोध जारी है। करनी सेना से शुरु हुए विरोध में अब कई राजपूत संगठनों का सहयोग मिलना शुरु हो गया है। देशभर में रिलीज से पहले मचे बवाल के बीच राजनेता भी इसके रिलीज को लेकर बोलने लगे हैं। यूपी की योगी सरकार ने इसकी रिलीज डेट टालने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इस फिल्म को हम मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं होने देंगे।
‘राष्ट्रमाता’ का अपमान स्वीकार नहीं
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजपूत रानी पद्मावती को राष्ट्रमाता बताते हुए कहा है कि इस फिल्म को हम मध्यप्रदेश में रिलीज नहीं होने देंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर राष्ट्रमाता पद्मावती जी का अपमान करने वाली फ़िल्म को मध्य प्रदेश की धरती पर रिलीज करने की अनुमति नहीं मिलेगी। आपको बता दें कि कुछ इतिहासकारों के मुताबिक पद्मावती केवल मलिक मोहम्मद जायसी की कल्पना थीं। उनका वास्तविकता से कुछ लेना देना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्यों तक ने किया इंकार
भंसाली को सबसे बड़ा झटका सुप्रीम कोर्ट ने ‘पद्मावती’ पर सुनवाई से इनकार करके दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर फिल्म को रिलीज करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है कि सेंसर बोर्ड ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है, इसलिए कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे सकता। वहीं मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने भी केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखकर फिल्म के खिलाफ आवाज उठाई है। इसके अलावा, यूपी और पंजाब सरकार ने भी पद्यावती के खिलाफ कहा है कि फिल्म में जरुरी परिवर्तन होने चाहिए और विवादित हिस्सा हटाए जाने के बाद ही प्रदेश सरकार फिल्म रिलीज करने की इजाजत देगी।
पद्मावती को लेकर क्यों मचा है विवाद?
राजपूत संगठन संजय लीला भंसाली की ओर से निर्देशित पद्मावती का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। भंसाली कि फिल्म का विरोध इसलिए हो रहा है कि यह इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर बनाई गई फिल्म है, जिसमें महारानी पद्मावती के चरित्र का अनादर किया गया है। आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब भंसाली की किसी फिल्म पर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी जोधा अकबर को लेकर काफी बवाल हो चुका है। पद्मावती की बात करे तो विवाद का मुख्य कारण फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का गुणगान करना है। फिल्म में खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है।