अमेरिका ने कहा – चीन के खिलाफ खड़े होने वाले दुनिया के अकेले राजनेता हैं मोदी, क्योंकि…
वॉशिंगटन – एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ ने पीएम मोदी को लेकर कुछ कहा है जिसकी उम्मीद शायद ही किसी ने कि हो। दरअसल, एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा है कि पीएम मोदी दुनिया के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने चीन के खिलाफ आवाज उठाई है। प्रधानमंत्री ने चीन की महत्वाकांत्री परियोजना ‘बेल्ड एंड रोड’ को लेकर जो रुख दिखाया है वो किसी और देश ने नहीं दिखाया है। अमेरिकी विशेषज्ञ ने यहां तक कहा है कि पीएम मोदी चीन के खिलाफ ऐसे समय में खड़े हुए जब इस परियोजना पर अमेरिका भी कुछ नहीं कर रहा था।
चीन की BRI के खिलाफ उठाई आवाज
ये बाते अमेरिका के जाने-माने थिंक-टैंक हडसन इंस्टीट्यूट के सेंटर ऑन चाइनीज स्ट्रैटिजी के निदेशक माइकल पिल्सबरी ने कही हैं। माइकल पिल्सबरी ने ये बातें अमेरिकी सांसदों के समक्ष कहीं, उन्होंने कहा कि मोदी और उनकी टीम ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ विरोध किया, जिसकी हिम्मत किसी और देश के नेता ने नहीं दिखाई।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के ‘बार्डर एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के खिलाफ आवाज उठाई थी। जिसके बाद दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद सामने आया था। पिल्स्बरी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक विश्व के अकेले ऐसे नेता हैं जिन्होंने चीन की बार्डर एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए हैं।”
क्या है चीन की ‘बेल्ट ऐंड रोड‘ परियोजना?
आपको बता दें कि चाइना-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर चीन की बेल्ट ऐंड रोड का अहम हिस्सा है। 3,000 किलोमीटर लंबी सड़क बानेन के इस प्रॉजेक्ट से चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जायेगा। यह सड़क जम्मू-कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान से होकर गुजरेगी। भारत और मोदी सरकार को इस बात पर आपत्ति है कि आधिकारिक तौर पर भारत के गिलगित-बाल्टिस्तान को अपने हिस्से वाले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा मानता है।
और अगर इस इलाके में चीन सड़क बना लेगा तो यह भारत की संप्रभुता में दखल जैसा होगा। भारत को इस बात पर ऐतराज है कि इससे चीन का पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर नियंत्रण हो जाएगा और हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी बढ़ जायेगी, जो भारत के लिए बिल्कुल भी सही नही है। दरअसल, बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट के जरिए चीन भारत के चारों ओर अपनी ताकत बढ़ाना चाह रहा है।