ये बहादुर जवान कैम्प का वीडियो लीक करने पर हुआ था बर्खास्त, अब कर रहा ऐसे काम..
कुछ महीने पहले की बात है जब सोशल मीडिया पर एक BSF जवान का वीडियो वायरल हो रहा था. दरअसल, उसने अपने कैम्प में दिए जाने वाले खाने का खुलासा किया जिसकी वजह से उसे आर्मी की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. फिर शुरू हुआ खबरों का सिलसिला, जब कई दिनों तक वह आसपास नही दिखा तो सोशल मीडिया ने उसे मृत करार कर दिया था.कुछ लोग कहने लगे कि उसने सेना से सस्पेंड होने के दुख में आत्महत्या कर ली है, तो कुछ कहते थे कि वह मर चुका है. लेकिन मीडिया ने उसे ढूंढ निकाला है, चलिये जानते हैं वह जवान अभी कहां है और किस तरह का जीवन व्यतीत कर रहा? चलिए जानते हैं आखिर पूरी ख़बर क्या है…
NGO चला रहा वह आर्मीमैन
आपकी जानकारी के हम आपको बता दें कि उस बहादुर जवान का नाम तेज बहादुर है और वह फिलहाल एक NGO चला रहा है. जिसका नाम फौजी एकता न्याय कल्याण मंच है. इस संस्था का काम है बिना किसी ठोस वजह के निकाले गए जवानों की कानूनी तौर पर मदद करना. ठीक उसी तरह अगर किसी सैनिक का शोषण एवं उसे प्रताड़ित किया जाता है तो उसकी मदद के लिए एनजीओ हर तरह की सुविधा प्रदान करेगा. जानकर हैरानी होगी कि उस बहादुर जवान ने अपने इस संस्था के लिए सोशल मीडिया पर एक वेबसाइट भी बनाया है जिसकी मदद से वह देश के सीमा तक अपनी पकड़ बना सकता है.
वीडियो में हुआ था अफसरों का खुलासा
कुछ दिन पहले तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था – “मैं सरकार के विरोध में नही बोलना चाहता हूँ क्योंकि सरकार ही पूरे देश को भोजन और जीवन मुहैया करती है पर उसके द्वारा प्रदत्त भोजन भी हम तक नही पहुँच पाते हैं तो दुख होता है. क्योंकि बिचौलिए के रूप में खड़े अफसर सब कुछ बेचकर अपना पेट भर लेते हैं.
हम जवानों को पेट भर खाना तक नही मिलता. हमारी जिंदगी इतनी बद्दतर हो गयो है कि रात-रात भर भूखे पेट जागकर देश की रखवाली करते हैं. सुबह नाश्ते में एक पराठा और चाय खाकर किसी के अंदर क्या ताकत बचेगी भला, वहीं दोपहर में दाल के रूप में हल्दी और नमक खिलाया जाता है हमे. मैं आपको रात का खाना दिखाऊं तो रोटियां देख रो पड़ेंगे आप. मै जानता हूँ हमारी सरकार पूरा ख्याल रखती है, यहां गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं लेकिन वो सिर्फ शो के लिए हैं और ब्लैक में बेच दिये जाते हैं. सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए”. नीचे देखिये वह वायरल हुआ विडियो.
तेज बहादुर को कर दिया गया बर्खास्त
इस घटना के बाद उन्हें सीनियर अफसरों ने बर्खास्त कर दिया और वजह बताया कि ये लोगो को भड़काता है. फिर ये आर्डर स्वीकार कर तेजबहादुर अपने पैतृक गांव रेवाड़ी लौट आये. वहां उन्होंने बताया कि उनकी पोस्टिंग 2015 में कश्मीर बॉर्डर पर हुआ था जहां खाने के लाले पड़े थे. जब उन्होंने दूसरे जवानों से शिकायत ना करने की वजह पूछी तो पता चला कि सभी डरते हैं. क्योंकि जो भी शिकायत करे उसका ट्रांसफर लेटर तैयार हो जाता है या फिर कोर्स के लिए भेज दिया जाता है. बता दें कि कोर्स के दौरान व्यय होने वाले खर्च जवान कोे खुद के पैसो से करना पड़ता है। इस डर से कोई मुह नही खोल पाते.