छेड़खानी से तंग आकर मां-बेटी ने चलती ट्रेन से लगाई छलांग,मौजूद पुलिस और यात्री बने रहे मूक दर्शक
आजकल महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. बस, ट्रेन या प्लेन की बात तो छोड़ दीजिये, महिलाएं अपने ही घर में महफूज़ नहीं हैं. उनकी इज्जत हमेशा दांव पर लगी रहती है. उन्हें इस बात का डर हमेशा सताता रहता है कि पता नहीं कब कोई आए और उनके दामन में दाग लगाकर चला जाए. अकेले की बात तो छोड़िये, आस-पास बड़ी संख्या में लोग होने के बावजूद महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. हैरानी तब होती है जब हजारों लोगों के बीच लफंगे छेड़खानी करने की हिम्मत रखते हैं और वहां मौजूद लोग मूक दर्शक बनकर सिर्फ तमाशा देखते रहते हैं. ऐसी ही एक घटना कानपुर में देखने को मिली जहां ट्रेन से सफर कर रही मां-बेटी को कुछ मनचलों ने दबोच लिया. उसके बाद जो हुआ जानकर आपकी रूह यकीनन काँप जायेगी.
चलती ट्रेन से कूदी मां-बेटी
मनचलों की हरकतों से मां-बेटी इतनी परेशान हो गईं कि उन्होंने अपनी आबरू बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूदने का फैसला किया. दरअसल, पीड़ित महिला अपनी बेटी के साथ जनरल टिकट लेकर दिल्ली-हावड़ा स्पेशल ट्रेन से दिल्ली जा रही थी. जैसे ही ट्रेन हावड़ा से निकली ट्रेन में सवार मनचलों ने महिला और उसकी बेटी के साथ छेड़खानी शुरू कर दी.
हैरानी की बात यह है कि इस बात की शिकायत ट्रेन में बैठे पुलिसकर्मियों से भी की गई. लेकिन पुलिस ने भी दोनों की कोई मदद नहीं की. मनचलों से परेशान होकर महिला अपनी बेटी के साथ कानपुर स्टेशन के पास चलती ट्रेन से कूद गई. इस हादसे में दोनों को सिर पर गंभीर चोटें आई हैं.
पीड़िता का आरोप
पीड़ित महिला का आरोप है कि बोगी में तीन से चार मनचले मौजूद थे. उन्होंने लड़की से छेड़खानी शुरू कर दी. महिला ने जब विरोध किया तो वे नहीं माने. उन्होंने सिपाही से मामले को लेकर शिकायत की लेकिन वह फिर भी बेखौफ नजर आएं. इसी बीच बेटी टॉयलेट की तरफ गई तो थोड़ी ही देर बाद बेटी की चीख सुनाई दी, जिसके बाद वह भाग कर बाथरूम तक पहुंची. वहां मनचलों ने लड़की को दबोच लिया. ट्रेन का गेट खुला हुआ था. महिला ने मनचलों को धक्का देकर अपनी बेटी से अलग किया और चलती ट्रेन से बेटी को लेकर कूद गई.
वहीं स्टेशन पर लोगों ने एम्बुलेंस को सूचना दी जिसके बाद पीड़ित महिला और उसकी बेटी को हैलट अस्पताल पहुंचाया गया. फिलहाल दोनों की हालत स्थिर है. अब देखना यह है कि सरकार इस बारे में क्या ठोस कदम उठाती है.