देखते ही लोगों में मच गई अफरा-तफरी, जब देखा खुद लेडी दबंग ऑफिसर हाथ में टॉर्च लेकर आई है रेड डालने
देश की बागडोर असल मायने में उन अफसरों के हाथों में होती है, जो पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाकचौबंद रहती है. जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है, लोगों का उस पर से विश्वास उठता जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी IAS अफसर हैं, जो ईमानदारी के दम पर नौकरशाही की साख बचाए हुए हैं. उनके कारनामे आज मिसाल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक मिसाल फिर से पेश किया है एक महिला आईएस ऑफिसर ने. यह दबंग महिला ऑफिसर रात को अचानक से एक ढाबे पर रेड के लिए जा पहुंची. फिर क्या था, वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई. आगे क्या हुआ आईये जानते हैं.
हाथ में टॉर्च लेकर छापेमारी करने पहुंची
झारखंड के गिरडीह में उस वक्त हड़कंप मच गया जब आईएस ऑफिसर विजया जाधव हाथ में टार्च लेकर अवैध रुप से शराब बेच रहे ढाबों और घरों में छापेमारी करनी पहुंची. लेडी सिंघम द्वारा यूं अचानक छापा मारे जाने से शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया और वे वहां से भागने लगे. विजया जाधव ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में अवैध शराब जब्त की. साथ ही तीन शराब माफियाओं के गिरफ्तारी के आदेश दिए.
अवैध रूप से बेचा जा रहा था शराब
आईएस ऑफिसर विजया जाधव, झारखंड के गिरडीह में एसडीओ के पद पर तैनात हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, एसडीओ जाधव को जानकारी मिली थी की इलाके में शराब की दुकानों के पास स्थित ढाबों में अवैध रुप से शराब बेचने और पिलाने का काम भी किया जा रहा है. सूचना मिलते ही एसडीओ जाधव ने टीम का गठन किया और रात के वक्त खुद टीम की अगुआई करते हुए हाथ में टार्च लेकर चल पड़ीं.
भारी मात्रा में शराब हुए बरामद
इस छापेमारी में भारी मात्रा में शराब बरामद होने के साथ ही इसका कारोबार कर रहे तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इस छापेमारी के बाद जहां एक तरफ शराब माफियाओं में डर व्याप्त हुआ है, वहीं वहां रहने वाले स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है. साथ ही इस छापेमारी के बाद क्षेत्र में हर कोई एसडीओ विजया जाधव की प्रशंसा कर रहा है.
कौन है विजया जाधव
2015 बेच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी रहते हुए विजया जाधव गिरिडीह के 44वें सदर में बतौर एसडीएम यह पहली पोस्टिंग है. महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली महिला आईएएस ने देर शाम प्रभार लेने के बाद बताया कि बतौर आईएएस वह दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित देश के रक्षा मंत्रालय में तीन महीने कार्य कर चुकी है. रक्षा मंत्रालय के बाद ही वह झारखंड कैडर ट्रांस्फर किया गया.