ऑड-इवन पर एनजीटी और बीजेपी दोनों ने मिलकर घेरा दिल्ली सरकार को, कहा यह….
नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण की क्या हालत है, इसपर कुछ कहने की जरुरत नहीं है। हवा में जहर के असर को साफतौर पर देखा जा सकता है। हवा में बढे इस ज़हर के लिए सभी लोग जिम्मेदार हैं। दिल्ली की जनता के साथ ही इस प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्य भी जिम्मेदार है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार को ऑड-इवन फ़ॉर्मूला लागू करने का निर्देश दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया। लेकिन अब ऑड-इवन पर दिल्ली सरकार फंसती हुई दिख रही है।
दिल्ली के लोग हैं ख़राब हवा के बीच जीने को मजबूर:
एनजीटी ने दिल्ली सरकार से यह पूछ दिया कि आपने यह फैसला किस आधार पर लिया है। अब दिल्ली सरकार को जल्दी ही इसका जवाब दाखिल करना होगा। आपको बता दें आने वाले सोमवार यानी 13 नवम्बर से दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन शुरू करने का फैसला लिया है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से सभी लोग परेशान हैं। कई ऐसी रिपोर्ट सामने आ चुकी है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली के लोग बहुत ही ख़राब हवा के बीच अपना जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।
दिल्ली सरकार के इस फैसले को बताया तुगलकी फैसला:
इन सबके बीच दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन शुरू करने का फैसला लिया है। दिल्ली सरकार के इस फैसले पर एनजीटी ने तो सवाल-जवाब किया ही साथ ही केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री महेश शर्मा ने भी इसे दिल्ली सरकार का तुगलकी फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि यह बिना तैयारी के उठाया गया कदम है। क्या दिल्ली सरकार ने यातायात की वैकल्पिक व्यवस्थाएं की हैं? दिल्ली सरकार को इसके बारे में भी बताना चाहिए। दिल्ली सरकार अगले सोमवार से शुक्रवार यानी 5 दिनों के लिए दिल्ली में ऑड-इवन शुरू करने जा रही है।
अगले दो दिनों तक नहीं मिलेगी धुंध से राहत:
आपको बता दें इस योजना से CNG वाहनों और दो पहिया वाहनों को बाहर रखा गया है। छूट पाने वाली गाड़ियों के लिए दिल्ली के 22 आईजीएल स्टेशन्स पर स्टीकर मिलेंगे और साथ ही पिछले ऑड-ईवन वाले स्टीकर भी मान्य होंगे। मौसम विभाग के अनुसार पिछले दिन के मुकाबले आज प्रदूषण में थोड़ी कमी आयी है लेकिन अभी दो दिनों तक धुंध से राहत मिलने की कोई सम्भावना नहीं है। प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सड़कों पर उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए दिल्ली सरकार पानी का छिड़काव भी करवा रही है।