ख़ास ख़बर: प्यार शकल और सूरत का मोहताज़ नहीं, एसिड पीडिता से हुआ इस शक्स को प्यार…
नई दिल्ली: प्यार एक एहसास है, ये कभी भी किसी से भी हो सकता है. अक्सर हमने फिल्मों में देखा होगा कि हीरो और हीरोइन को जब प्यार होता है तो वह एक दुसरे की शकल, सूरत, हैसियत नहीं देखते. लेकिन, रियल लाइफ में ऐसा होना बहुत बड़ी बात है. बहुत कम लोग इस बात को समझ पाते हैं कि प्यार शकल से नहीं बल्कि आत्मा और दिल से किया जाता है. इन्ही लोगो में से आज हम आपको एक ऐसे शक्स से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने प्यार किया भी तो ऐसी लड़की से, जो किसी बात में भी उसकी बराबरी नहीं कर सकती थी. दरअसल, प्रमोदिनी और सरोज साहू की प्रेम कहानी है ही कुछ ऐसी कि कोई भी सुन कर रो देगा. सच्चा प्यार किसे कहते हैं, ये इन दोनों ने साबित कर दिखाया. सरोज साहू ने ऐसी लड़की से प्यार किया जो कभी सपने में भी खुद से प्यार करने से डरती थी. तो चलिए दोस्तों जानते हैं इन दोनों प्रेमियों की लव स्टोरी…
एसिड अटैक से पीड़ित हैं प्रमोदिनी
सरोज साहू की प्रमोदिनी की खुशियों को ग्रहण मात्र 15 वर्ष की आयु में ही लग गया था. दरअसल, जब प्रमोदिनी 15 साल की थी तो अर्द्ध सैनिक बल के एक सैनिक ने उसको शादी का प्रस्ताव रखा. तब प्रमोदिनी ने कम उम्र के कारण शादी से मना कर दया था. शादी से “ना” होने पर उस सैनिक को जोर का झटका लगा और वह उससे बदला लेने की ठान लिया. और आखिरकार एक दिन मौका देख कर उसने प्रमोदिनी के मुंह पर तेज़ाब डाल दिया. इस हादसे में प्रमोदिनी का पूरा चेहरा झुलस गया और आंखें भी चली गयीं. ख़ूबसूरत और प्यारी दिखने वाली प्रमोदिनी को एक ही पल में उस सैनिक ने बदसूरत कर दिया. जिसके बाद प्रमोदिनी ने प्यार की उम्मीद ही छोड़ दी थी.
चेहरे की सर्जरी से हुआ खतरनाक इन्फेक्शन
प्रमोदिनी पर तेज़ाब का असर इतना बुरा हुआ कि उनका चेहरा एकदम खराब हो गया था. बड़े बड़े डॉक्टर्स भी उसका इलाज़ करने में डर रहे थे. तभी एक हस्पताल में उन्होंने अपना इलाज़ शुरू करवाया. उन डॉक्टरों ने प्रमोदिनी के चेहरे पर पैरों के मांस का इस्तेमाल करके जख्म भर दीये. उसके बाद उन्हें वहां से घर भेज दिया गया था. लेकिन, कुछ ही दिन बाद प्रमोदिनी के पैरों में इन्फेक्शन हो गया. जिसके कारण वह ठीक से चल नहीं पा रही थी. प्रमोदिनी को पैरों की वजह से फिर से हस्पताल एडमिट करना पड़ा. वहां उनकी माँ को डॉक्टर ने बताया कि प्रमोदिनी को चलने फिरने के लिए करीबन चार साल लग जायेंगे. ऐसा सुन कर प्रमोदिनी की माँ ज़ोरों से रोने लग गयी. तभी वहां सरोज साहू नाम का व्यक्ति उनके पास आया और उन्हें चुप करवाने लग गया.
नौकरी छोड़ प्रमोदिनी की सेवा करता था सरोज
हस्पताल के शुरूआती दिनों में प्रमोदिनी और सरोज साहू एक दुसरे को जानते तक नहीं थे. लेकिन, धीरे धीरे दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई. सरोज ने प्रमोदिनी की देखबाल करने के लिए अपनी नौकरी भी छोड़ दी. नौकरी छोड़ने के बाद सरोज दिन में आठ घंटे तक प्रमोदिनी की सेवा किया करता था. उसके बाद दोनों में प्यार हो गया. हालंकि, प्रमोदिनी अपने चेहरे की वजह से रिश्ता निभाने से डर रही थी. लेकिन, जब सरोज ने उसको शादी के लिए प्रपोज किया तो वह खुद को हाँ करने से रोक नहीं पाई.
प्रमोदिनी की सर्जरी में अभी कुछ समय बाकी है. उसके बाद दोनों शादी के पवित्र बंधन में हमेशा के लिए बांध जायेंगे. इन दोनों की कहानी से ये बात साबित होती है कि “प्यार शकल और सूरत का मोहताज़ नहीं होता“.