10 और11नवम्बर को है काल भैरव अष्टमी,इस उपाय से कर सकते हैं सभी मनोकामना पूरी
कालभैरव भगवान महादेव का अत्यंत ही रौद्र, भयाक्रांत, वीभत्स, विकराल प्रचंड स्वरूप है .. इनके पूजन से अनिष्ट का निवारण होता है और जीवन के हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। यूं तो भगवान भैरवनाथ को खुश करना बेहद आसान है लेकिन अगर वे रूठ जाएं तो मनाना बेहद मुश्किल। इस साल 10 नवंबर और 11 नवंबर को काल भैरव अष्टमी है और इस अवसर पर हम आपको कुछ खास सरल उपाय बता रहे हैं जिससे निश्चित रूप से भैरव महाराज को प्रसन्न होते हैं।
क्या है काल भैरव अष्टमी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ष्ण पक्ष अष्टमी को भगवान शिव, भैरव रूप में प्रकट हुए थे इसीलिए इसी तिथि को व्रत व पूजा का विशेष विधान है। भैरव जी की पूजा उपासना मनोवांछित फल देने वाली होती है। भैरव आराधना से शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय प्राप्त होती है.. आज हम आपको कुछ ऐसे सरल उपाय बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप भैरव को प्रसन्न कर जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
दुखों से छुटकारा पाना है तो करें ये उपाय
- रविवार, बुधवार या गुरुवार के दिन एक रोटी लें। इस रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल में डुबोकर लाइन खींचें। यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दीजिए। अगर कुत्ता यह रोटी खा लें तो समझिए आपको भैरव नाथ का आशीर्वाद मिल गया। अगर कुत्ता रोटी सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो इस क्रम को जारी रखें लेकिन सिर्फ हफ्ते के इन्हीं तीन दिनों में (रविवार, बुधवार या गुरुवार)। यही तीन दिन भैरव नाथ के माने गए हैं।
- उड़द के पकौड़े शनिवार की रात को कड़वे तेल में बनाएं और रात भर उन्हें ढंककर रखें। सुबह जल्दी उठकर प्रात: 6 से 7 के बीच बिना किसी से कुछ बोलें घर से निकले और रास्ते में मिलने वाले पहले कुत्ते को खिलाएं। याद रखें पकौड़े डालने के बाद कुत्ते को पलट कर ना देखें। यह प्रयोग सिर्फ रविवार के लिए हैं।
- शनिवार के दिन शहर के किसी भी ऐसे भैरव नाथ जी का मंदिर खोजें जिन्हें लोगों ने पूजना लगभग छोड़ दिया हो। रविवार की सुबह सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी लेकर पहुंच जाएं। मन लगाकर उनकी पूजन करें। बाद में 5 से लेकर 7 साल तक के बटुकों यानी लड़कों को चने-चिरौंजी का प्रसाद बांट दें। साथ लाए जलेबी, नारियल, पुए आदि भी उन्हें बांटे। याद रखिए कि अपूज्य भैरव की पूजा से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।
- प्रति गुरुवार कुत्ते को गुड़ खिलाएं।
- रेलवे स्टेशन पर जाकर किसी कोढ़ी, भिखारी को मदिरा की बोतल दान करें।
- सवा किलो जलेबी बुधवार के दिन भैरव नाथ को चढ़ाएं और कुत्तों को खिलाएं।
- शनिवार के दिन कड़वे तेल में पापड़, पकौड़े, पुए जैसे विविध पकवान तलें और रविवार को गरीब बस्ती में जाकर बांट दें।
- रविवार या शुक्रवार को किसी भी भैरव मंदिर में गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं।
- पांच नींबू, पांच गुरुवार तक भैरव जी को चढ़ाएं।
- सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में बुधवार के दिन चढ़ाएं।