खौलते तेल में हाथ डाल पकौड़े निकालता है ये शख्स, अजब हुनर के पीछे है गजब कहानी
देश दुनिया में जहां-तहां अजूबे देखने को मिल जाते हैं। रांची में ऐसे ही एक गजब के हलवाई हैं, जिनका नाम सोहन कंचन है। सोहन में ऐसी खासियत है कि वे खौलते तेल से बिना किसी हिचक के पकौड़े निकाल लेते हैं। 45 साल के सोहन को ऐसा करते हुए सालों बीत चुके हैं। उन्हें ऐसा करते हुए देखने के लिए रोज कई लोग उनकी दुकान पर आते हैं। सोहन भी सभी के सामने 200 डिग्री सेल्सियस पर उबल रहे तेल से पकौड़े छानकर उन्हें खिलाते हैं। लेकिन इसके साथ ही असल बात ये है कि सोहन के ऐसा करिश्मा नुमाइंदगी के लिए नही करते हैं बल्कि इसके पीछे उनकी व्यक्तिगत जिंदगी का सबसे दुखद वाक्या जुड़ा है।
बीवी की वजह से करने लगें ये काम
रांची के ललितपुर जिले के रहने वाले सोहन कंचन 13 साल की उम्र से चाय और भजिया की दुकान लगा रहे हैं। पिछले कई साल से झांसी के शहर कोतवाली एरिया में अपने भाई भाभी के साथ रहते हैं.. सीपरी थाना क्षेत्र में उनकी चाय और भजिया की दुकान है। सोहन बताते हैं, ”18 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई थी और वो अपनी बीवी से बहुत प्यार करते थे। पर शादी के 5 साल बाद एक दिन जब मैं दुकान से घर पहुंचा, तो बीवी घर में नहीं मिली ”काफी खोजाबीन के बाद पता चला कि वो किसी दूसरे शख्स के साथ भाग गई। पत्नी की इस हरकत से मैं बहुत दुखी हुआ। सोचा सुसाइड कर लूं, लेकिन भइया भाभी ने मुझे संभाल लिया। उनके समझाने पर मैंने खुद को संभाला और वापस दुकान खोलने लगा।”इसके बाद ”एक दिन मैं दुकान पर था, अचानक पत्नी के साथ बिताए दिनों की याद आ रही थी। उसके बारे में सोचते-सोचते मैंने गर्म तेल की कढ़ाई में हाथ डाल दिया। लेकिन मेरा हाथ नहीं जला। ऐसा महसूस हुआ जैसे गुनगुने पानी में हाथ चला गया हो।”’उस दिन के बाद से मैं कढ़िये में हाथ डालकर भजिये निकालने लगा, आज तक हाथ नहीं जला।
ग्राहक तो ग्राहक सोहन की इस विलक्षण प्रतिभा से डॉक्टर भी हैरान हैं। डाॉक्टर का कहना है कि कढ़ाई में भजिया तली जाती है, तो कढ़ाई के अंदर तेल का टेम्प्रेचर करीब 100 डिग्री होता है। ऐसे में ये मुमकिन नहीं है कि कोई इतने गर्म तेल में अपना हाथ डाल दे और उसका हाथ न जले।”
सोहन कहते हैं, ‘जैसे जैसे मैं मशहूर हुआ तो कुछ डॉक्टरों ने भी मुझसे संपर्क किया और वे मुझ पर रिसर्च करना चाहते हैं। कुछ लोग मेरी त्वचा के सैंपल भी लेकर गए हैं। लेकिन कुछ भी असाधारण नहीं मिला। मैं नहीं जानता कि मैं ऐसा क्यों हूं। लेकिन जब तक मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा और मेरी इस क्षमता से मेरी कमाई हो रही है तो मैं खुशी खुशी हाथ से पकौड़े छानता रहूंगा।’