डॉक्टर भगवान का रूप होता है इस कहावत को सच कर दिखाया ओडिशा के इस डॉक्टर ने, आप भी करेंगे सलाम
भुवनेश्वर: पृथ्वी पर डॉक्टर को भगवन का ही रूप माना जाता है। जिस तरह से भगवान लोगों को नया जीवन देते हैं, उसी तरह डॉक्टर उस जीवन को बचाने का काम करते हैं। जब व्यक्ति किसी भारी मुसीबत यानी रोग से घिर जाता है, ऐसे में एक डॉक्टर ही होता है जो उसे रोगों से निजात दिलाकर उसे नया जीवनदान देता है। हालांकि आज के समय में इस डॉक्टरी पेशे में कुछ ऐसे भी लोग आ गए हैं, जिनका काम सेना ना होकर कमाई करना है।
कुछ डॉक्टर सही मायनों में करते हैं सेवा का काम:
ऐसे डॉक्टर इस पेशे को समय-समय पर शर्मसार करने का काम करते हैं। हालांकि सभी डॉक्टर ऐसे नहीं होते हैं। कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैं जो सही मायनों में सेवा का काम करते हैं। वह मरीज के इलाज के लिए दिन-रात की परवाह किये बगैर बस इलाज करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं। ओडिशा के एक डॉक्टर ने एक ऐसी मिशाल पेश की है जिसके बारे में जानकर आपको भी गर्व होगा।
8 किलोमीटर पैदल चलकर बचायी महिला की जान:
हर समय बदलती इस दुनिया में अमानवीयता की कई ख़बरें आपने पढ़ी होंगी। किस तरह से गरीब व्यक्ति इलाज के लिए दर-दर भटकता रहता है और इलाज ना होने की वजह से अपने प्राण त्याग देता है। लेकिन ओडिशा के इस डॉक्टर ने वो कर दिखाया है जो शायद ही मरीज के परिजन भी कर पाते। मल्कानगिरी जिले के एक गाँव में डॉक्टर गर्भवती महिला को खाट समेत लेकर अस्पताल पहुँचे। 8 किलोमीटर पैदल चलकर महिला की जान बचाने के बाद डॉक्टरों ने जो ख़ुशी महसूस किया, वो शायद ही कोई कर पाए।
डॉक्टर का साहस देखकर महिला के परिजनों ने की मदद:
एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने की सूचना अस्पताल को दी गयी। ड्यूटी पर उस समय तैनात डॉक्टर ओमकार होता जब गाँव गए तो उन्हें समझ आ गया कि महिला को अस्पताल ले जाना होगा। महिला की डिलीवरी हो चुकी थी और उसका काफ़ी खून भी निकाल चुका था। गाँव में सड़क ना होने की वजह से वहाँ एम्बुलेंस भी नहीं पहुँच सकती थी। डॉक्टर ने महिला को खाट पर ही अस्पताल ले जाने की ठानी। डॉक्टर का साहस देखकर महिला के परिजन भी मदद के लिए आगे आये। समय पर अस्पताल पहुँचने की वजह से महिला की जान बच गयी।