शनिवार को पड़ रही है कार्तिक पूर्णिमा, ये उपाय करें दूर हो जाएगी पैसों की कमी – देखें वीडियो
इस साल शनिवार यानि 4 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा पड़ रही है। शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन अगर आप पूरी विधि से पूजा करते हैं तो आपके सभी दुख दूर हो सकते हैं। शास्त्रों के मुताबिक अगर आपकी कुंडली में कोई दोष हैं तो उसे इस दिन पूजा करके दूर किया जा सकता है। यह तिथि इन कार्यों के लिए काफी शुभ मानी जाती है।
इस बार पूर्णिमा का योग शनिवार को बन रहा है, जो काफी शुभ हैं। इस योग में आप शनि देव को भी प्रसन्न करने के उपाय कर सकते हैं। इन उपायों से न केवल पैसों से संबंधी परेशानियाँ दूर हो सकती हैं, बल्कि इससे आपको अन्य कई समस्याओं से भी मुक्ति मिल सकती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
कार्तिक पूर्णिमा की शाम को तुलसी के पेड़ के पास दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करे।
कार्तिक पूर्णिमा का इस बार शनिवार को पड़ना काफी शुभ अवसर है। इस दिन काले तिल, आटा, शक्कर को एक साथ मिलाकर इसे चींटियों को खाने के लिए डाल दें।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।
तांबे के लोटे में जल लें और उसमें काले तिल डालें। उसके बाद इस जल शिवलिंग पर अर्पित कर दें। शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने वाले व्यक्ति के रोग ब्याधी खत्म हो जाते हैं और उसपर भोलेनाथ की कृपा बरसती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपनी बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील लगी अंगूठी को बीच वाली उंगली में सूर्यास्त के समय पहने।
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करते हुए सात बार परिक्रमा करें। सूर्यास्त के बाद किसी एकांत स्थान पर लगे पीपल के पास एक दीपक चलाएं। ऐसा करने से आप पर धन धान्य की बरसात होती है।
अगर आपके ऊपर शनि का दोष हैं तो उससे मुक्ति के लिए – कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्रय। मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बंदरों को गुड़ व चना खिलाएं। हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोष खत्म होता है।
शनिवार यानि इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें। ऐसा करने के बाद उस तेल को किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान कर दें, ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होंगे और भाग्य प्रबल होगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन शनिदेव को नीले पुष्प अर्पित करें। शनि मंत्र – ऊँ शं शनैश्चराय नमः का उच्चारण करते हुए रुद्राक्ष की माला से जप करें। इससे साढ़ेसाती और ढय्या से मुक्ति मिलती है।