आदिवासी बंशीलाल साइकिल से 18 दिनों में करेंगे 6000 किलोमीटर का सफ़र,वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सपना
कांकेर: सही कहा जाता है कि इस दुनिया में कोई भी काम नामुमकिन नहीं है, बस उसे करने का ज़ज्बा होना चाहिए। जज्बे के दम पर ही व्यक्ति समुद्र पार कर जाता है और ऊँचे-ऊँचे पर्वतों का लाँघ जाता है। अब यह जज्बे की कहानी युवा बंशीलाल नेताम एक बार फिर दुहराने जा रहे हैं। बंशीलाल जज्बे और जुनून से भरे हुए हैं और गिनीज बूक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए बेताब भी हैं।
न्यूजीलैंड निवासी टिम ने 24 दिनों में तय की थी यह दूरी:
बंशी ने देश के गोल्डन कॉरिडोर यानी स्वर्णिम चतुर्भुज की 6000 किलोमीटर की यात्रा 18 दिनों में करने का निर्णय लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड दिल्ली के प्रीतमपुरा के निवासी देवांशु शिवनानी के नाम था। देवांशु से पहले न्यूजीलैंड के टिम चिटटोक ने 24 दिनों में गोल्डन कॉरिडोर को नापा था। बंशी की दुरी को देखते हुए कहा जा सकता है कि उन्हें हर रोज औसतन 333 किलोमीटर साइकिल चलाना होगा।
पक्के इरादे से पाई जा सकती है कोई भी मंजिल:
बंशीलाल ने कहा कि वह यह रिकॉर्ड बनाकर दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि पक्के इरादे से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। गुरुवार को अपनी खास साइकिल लेकर ट्रेन से दिल्ली रवाना होने के पहले बंशीलाल ने बताया कि दिल्ली से ही वह यात्रा की शुरुआत करेंगे और जयपुर, मुंबई, गोवा, बेंगलुर, चेन्नई, कटक, विशाखापत्तनम और कोलकाता होते हुए समापन दिल्ली में ही करेंगे। बंशीलाल ने बताया कि उनके दोस्त गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से जुड़ी सभी औपचारिकतायें पूरी करने में लगे हुए हैं।
मोटरसाइकिल से कर चुके हैं पुरे भारत का भ्रमण:
बताया जा रहा है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में उनकी यात्रा शुरू हो जाएगी। आपको बता दें बंशीलाल 2017 में ही मोटरसाइकिल से भारत का भ्रमण कर चुके हैं। इस यात्रा में उनके साथ कोंडागांव के ज्योति शंकर बोस भी थे। 2003 में आम साइकिल से भारत के सभी राज्यों, प्रमुख शहरों, राजधानियों की 22 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर चुके बंशीलाल ने बताया कि इस बार वह जिस साइकिल से लक्ष्य हासिल करने निकले हैं, उसका वजन सिर्फ 6 किलो है।