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अरे वाह अब भगवान को भी मिलेगा शुद्ध RO का पानी, जानिए कैसे

भारत देश बाकि देशों के बदले सबसे ज्यादा धार्मिक देश माना जाता है. यहाँ के लोग भगवान में सबसे ज्यादा विश्वास रखते हैं. बाकी दुनिया में तो पानी भी बिकता है. लेकिन, भारत में लोग पानी और दूध के लंगर लगाते हैं. यहाँ तक कि हिन्दू धर्म में मंदिरों पर खासकर भगवान शिव के शिवलिंग पर दूध की बरसात की जाती है. इस बात में सिख लोग भी कम नहीं हैं. अमृतसर के सबसे मशहूर गुरूद्वारे “गोल्डन टेम्पल” में हर सुबह 3 बजे गुरूद्वारे को दूध से साफ़ किया जाता है. क्यों की भगवान को शुद्धता बहुत पसंद है इसलिए लोग भगवान को खुश करने के लिए हर शुद्ध चीज़ का चडावा चडाते हैं. भारत में हरेक शहर के लोगो की अपनी अलग अलग धार्मिक मान्यताएं और रीति रिवाज़ हैं. लेकिन अभी हाल ही में उच्च न्यालय ने एक ऐसी घोषणा ज़ारी की है जिसको सुन कर पूरा भारत हैरान है. चलिए जानते हैं पूरी खबर आखिर क्या है…

मंदिर में नही चढ़ाया जाना चाहिए दूध

अक्सर हम लोग भगवान शिव के शिवलिंग को दूध से नहलाते हैं. लेकिन, मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर नाम स्थान में एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ लोग शिवलिंग पर दूध, धतुर, पानी और बहुत कुछ चडाते थे. मंदिर के कर्मचारियों ने वहां की कोर्ट में अर्जी दाखिल की, कि लोग भगवान के शिवलिंग को ये सब चीज़ें चडा कर उनका नुक्सान कर रहे हैं.इस बात पर जब कोर्ट ने जांच करवाई तो ऐसा फैसला सुनाया कि जिसको सुनकर आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएँगी. चलिए जानते हैं पूरा सच आखिर क्या है.

भगवान को पिलाया जायेगा RO का पानी

कोर्ट ने स्थिथि को नजर में रखते हुए फैसला सुनाया कि अब उस जगह पर कोई भी दूध, पानी या धतूर वगेरह नहीं चडा सकता. अब वहां जो भी भक्त जायेगा, उसको आरो का पानी दिया जायेगा. और वही आरो का पानी भगवान को पिलाया जायेगा. इस फैसले को सुनकर पूरा मध्य प्रदेश आश्चर्यचकित हो गया है. शायद ऐसा हमने ना कभी पहले देखा होगा और न हो कभी सुना होगा कि भगवान को आरो का पानी पीना पड़ सकता है. अब वहां हर भक्त आधा लीटर आरो पानी चडा सकेगा, इसके इलावा किसी भी और चीज़ का अभिषेक करना सख्त मना है.

भगवान हो जायेंगे शुद्ध

कोर्ट के इस फैसले से शायद अब भगवान भी खुश हो गये होंगे कि इतने प्रदूष्ण के समय में भी उन्हें अब शुद्ध और साफ़ पानी पीने को मिलेगा. इसके इलावा अदालत को अर्जी में ये भी कहा गया था कि भक्तो को गर्भ गृह में जाने से भी रोक दिया जाए. क्यों कि वहां जाकर लोग गंदगी फैलाते हैं और भगवान को नुक्सान पहुंचाते हैं. हालाँकि, कोर्ट के इस फैसले से सभी हैरान हैं और बहुत सारे लोग इस फैसले का सख्त विरोध भी कर रहे हैं.

वैसे सही कहा जाये तो सरकार इस RO के लिए जितना पैसा खर्च करने वाली है, अगर उसकी जगह आस पास कोई साफ़ पानी पीने के स्थान का निर्माण होता तो वहां के लोगो को शुद्ध पानी मिल पाता. और बीमारियाँ उनसे कौसों दूर रहती.

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