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आपने जो रत्न धारण किया हुआ है कहीं वो पत्थर तो नहीं? जानिए कैसे करें पहचान

एक कीमती या अर्ध कीमती पत्थर खासकर जब काटकर पॉलिश या उत्कीर्ण किया जाता है तो वो रत्न का रूप ले लेता है. रत्न ज्ञान को साइंस ने भी माना है. रत्न विज्ञान का ज्योतिष में बहुत महत्व है. ज्योतिष विद्या में रत्नों के पहनाने पर बड़ा जोर दिया जाता है. रत्नों को धारण करने से आप अपने जीवन में आ रही और आने वाली समस्याओं को कम कर सकते है.

ज्योतिषि से पूछकर ही पहनें रत्न-

आजकल बाजार में हर तरह के रत्न उपलब्ध है. हर कोई अपनी समस्या के हल के रूप में रत्न धारण करना चाहता है. रत्नों को ज्योतिषि द्वारा सुझाने पर ही खरीदकर पहनना चाहिए. रत्नों का असर आपके जीवन पर तभी पड़ता है जब वो असली होते है.

गलत रत्न से पड़ता है नकारात्मक प्रभाव-

ज्योतिष विद्या के अनुसार, असली रत्न आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाकर आपको समस्याओं से मुक्त करते है. लेकिन अगर आपने नकली या गलत रत्न पहन लिया है तो आप पर उसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है.

रत्न की शुद्धता जांचना नहीं है आसान-

आम आदमी के लिए रत्न की शुद्धता की जांच करना आसान कार्य नहीं है. ये एक बहुत कठिन कार्य है क्यूंकि रत्नों का ज्ञान होना भी एक कला है. रत्नों को अनुभव वाला व्यक्ति ही पहचान सकता है. रत्नो की जांच के लिए तकनीकी बारीकियों का ज्ञान आवशयक है.

असली रत्नों की पहचान होने के साथ-साथ व्यक्ति को कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए-

*    असली रत्नों को खरीदने के लिए आप किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें.
*    इसको धारण करने से पहले ज्योतिष से परामर्श जरूर करें.
*    अपनी कुंडली के अनुसार और राशि के अनुसार ही इसे धारण करें.
*    रत्नों को खरीदने से पहले वयक्ति को उसको धारण करने के भार के बारे में पता होना चाहिए.
*    रत्न असली होने के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता जानना भी जरुरी है.
*    रत्न की गुणवत्ता उसकी फल देने की क्षमता को प्रभावित करता है.

गुणवत्ता जांचने के तरीके- 

•    सबसे अचूक तरीका होता है वैज्ञानिक विधियों द्वारा रत्नो की शुद्ता जानना. रिफ्रेक्टिव इंडेक्स, स्पेसिफिक ग्रैविटी, हार्डनेस,                 क्लीवेज,  लस्टर, प्लियोक्रोइज्म, स्पेक्ट्रम, चेल्सिया फिल्टर आदि सभी वैज्ञानिक विधिया है.
•    रत्न का रंग और चमक उसकी असलियत और नकली होने का बहुत बड़ा प्रमाण होते हैं.
•    वास्तविक गुणवत्ता की जांच करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसकी स्वच्छता तथा पारदर्शिता होती है. नवरत्नों में से मोती और लाल       मूंगे को इस तरीके से नहीं परखा जाता क्योंकि ये दोनो रत्न अपारदर्शी होते हैं.
•    रत्न की पारदर्शिता एक और पैमाना है जिस पर रत्न की शुद्ता तिकी होती है.
•    रत्नों की ठोसता की परख करने से भी आप इसकी शुद्ता की जांच कर सकते है. ठोसता के गुण के साथ असली रत्न का वजन             हमेशा है.

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