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डॉक्टरों की भयंकर लापरवाही सामने, गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने से बिगड़ी 50 महिलाओं की हालत

ग्वालियर: आज के समय के बाद की जगह डॉक्टरों ने ले रखी है। जब कोई भी व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होता है तो उसे डॉक्टरों का ही सहर दिखता है। ऐसे समय में अगर उनकी जान कोई बचा सकता है तो वह कोई और नहीं बल्कि डॉक्टर ही होता है। हमारे समाज में डॉक्टरों को बहुत पहले से ही सबसे ऊपर माना जाता रहा है। जो इज्जत डॉक्टरों को दी जाती है वह इज्जत किसी और को नहीं दी जाती है।

डॉक्टरी बन गयी है कमाई का पेशा:

लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह सेवा का पेशा ना बनकर कमाई का पेशा बन गया है। आज अगर कोई डॉक्टरी के पेशे में जा रहा है तो इसमें होने वाली मोटी कमाई को देखकर जा रहा है। ऐसे में डॉक्टरों में सेवा भाव की कमी होती जा रही है। पिछले कुछ दिनों में कुछ डॉक्टरों ने इस पेशे को काफी शर्मसार किया है। समय-समय पर सोशल मीडिया पर इससे जुडी खबरे और वीडियो वायरल होती रही है। हाल ही में देश की ख़राब चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुलती दिखी है।

राज्य के ख़राब स्वास्थ्य व्यवस्था की खुल गयी पोल:

भले ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर की सड़कों को अमेरिका से बेहतर बता रहे हों लेकिन प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएँ किस तरह की है, इसकी पोल खुल गयी है। हाल ही में राज्य की ख़राब स्वास्थ्य व्यवस्था ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में देखने को मिली है। यहाँ गलत तरीके से इंजेक्शन लगाने की वजह से 50 महिलाओं की हालत काफी बिगाड़ गयी, जिसे बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करवाना पड़ा।

डिस्टिल वाटर की जगह लगा दिया साधारण पानी से इंजेक्शन:

जानकारी के अनुसार महिलाओं को एंटीबायोटिक का इंजेक्शन लगाया गया था। इंजेक्शन लगाये जानें के कुछ देर बाद ही महिलाओं को ठंढ लगने लगी और उनके शरीर का तापमान भी बढ़ने लगा। जब परिजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल स्टाफ से की तो इसे सामान्य बात कहकर उन्हें वापस कर दिया। बताया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति को इंजेक्शन डिस्टिल वाटर की साथ दिया जाता है जबकि इन महिलाओं को इंजेक्शन साधारण पानी से ही दिया गया था। इस वजह से इंजेक्शन का गलत असर हुआ और महिलाएँ बीमार हो गयी। अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाई नहीं हुई है।

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