स्वास्थ्य
कहीं आपके शरीर की गंध आपको औरों से दूर तो नहीं कर रही?
बॉडी ओडोर और शारीरिक गंध जिसे हम प्राकृतिक गंध भी कहते हैं, हमारे शरीर से एक प्रकार की प्राकृतिक गंध आती है जो सामान्य है। हर व्यक्ति के शरीर से आने वाली गंध अलग-अलग तरह की होती है। किसी के शरीर से आने वाली गंध सामान्य है। उसमें कोई सड़न या गड़बड़ी नहीं होती लेकिन किसी के शरीर से ऐसी गंध आती है जो असामान्य रूप से बदबूदार होती है। दूसरे प्रकार की गंध से आप शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं ।
जब हमारी त्वच बैक्टीरिया के एसिड्स को पसीने में बदल देती है तो एक प्रकार की प्राकृतिक गंध आती है। ये गंध या तो सामान्य हो सकती है या अप्रिय गंध जो चिंता का विषय है। मेडिकल साइंस में बॉडी ओडोर को ब्रोमोहाइडोसिस कहते हैं । यौवन से पहले हमारे शरीर से सामान्य गंध आती है। जब हम यौवन पर पहुंचते हैं तो हमारे शरीर में गंध पैदा करने वाली ग्रंथियां जिनको एपोक्रिन स्वेट ग्रंथियां कहा जाता है वो विकसित हो जाती हैं। एपोक्रिन स्वेट ग्रंथियां से हमारे शरीर में बैक्टीरिया एसिड्स को बदलकर पसीने का उत्पादन करते हैं जिससे गंध आती है।
कुछ लोगों के अनुसार, शरीर से आने वाले शारीरिक गंध तब अप्रिय गंध बन जाती है जब त्वचा पर बैक्टीरिया या जीवाणु पसीना बनाने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं । आमतौर पर यौवन तक पहुंचने पर यानि महिलाओं में 14-16 साल की आयु और पुरुषों में 15-17 वर्ष की आयु में एपोक्रिन स्वेट ग्रंथियां विकसित हो जाती हैं । जो लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं और नियमित रूप से मसालेदार भोजन खाते हैं उनके शरीर से ज्यादा बदबूदार गंध आती है। साथ-साथ जिन लोगों को कुछ बीमारियां जैसे मधुमेह, ब्लड प्रेशर, स्टोन्स आदि की समस्या होती है उनके शरीर से भी ज्यादा बदबूदार गंध आने की संभावना अधिक होती है।
शरीर की गंध होने पर दो प्रकार के एसिड आमतौर पर मौजूद होते हैं:
प्रोपोनिक एसिड सामान्यतः
पसीने में पाया जाता है – प्रोपियोनी बैक्टीरिया प्रोपोनिक एसिड में एमिनो एसिड को तोड़ता है। प्रोपियोनी बैक्टीरिया वयस्क और किशोरावस्था के मनुष्यों के वसामय ग्रंथियोंकी नलिकाओ में रहते हैं। कुछ लोग प्रोपोनिक एसिड के साथ सिरका की गंध से पहचाने जाते हैं क्योंकि यह एसिटिक एसिड के समान है जो सिरका को खट्टा और तीखा गंध देता है।
मिथाइल बोटोनोइक एसिड:
बैक्टीरिया स्ताफ्य्लोकॉकस एपिडर्मिडिस की क्रियाओं के परिणामस्वरूप शरीर की गंध का एक और स्रोत है, जो कई मजबूत पनीर के प्रकारों में भी मौजूद हैं। जिन लोगों को अत्यधिक पसीना आता हैं – वे हाइपरहाइड्रोसिस वाले लोग होते है यानि वो शरीर की गंध के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं। उनका पसीने का नमक स्तर बैक्टीरिया को तोड़ने के लिए बहुत अधिक होता है।
शरीर की गंध एक समस्या नहीं है क्यूंकि इसके लिए आपको बहुत छोटे और सरल उपाय करने होते है और इनको अपनाकर आप शर्मिंदगी से बच सकते है। शरीर की गंध से निपटने के उपाय
अपने आप को साफ रखें और एक दिन में कम से कम एक बार स्नान करें।
जीवाणुरोधी साबुन का प्रयोग करें। एक एंटीबायोटिक स्नान साबुन चुनें।
तौलिया से पूरी तरह से अपने शरीर को सुखायें।
अपनी अलमारी में पसीने वाले कपड़े ना रखें ।
जंक खाद्य पदार्थ या पेय से दूर रहे।