भारत के इस कदम से डरा चीन, बोला- अब खतरे में पड़ी हमारी सीमा !
अरुणाचल प्रदेश में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल की तैनात करते ही बोखलायी चीन की सेना। चीनी सेना का ये मानना है कि ब्रह्मोस मिसाईल की तैनाती की वज़ह से अब चिन की सीमा सुरक्षा खतरे में है। ( Does China Afraid india? )
भारत ने अरुणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा पर सब से खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात कर दी है। भारत के इस कदम के बाद से चिन सरकार और चिनी सेन बोखलाये हुये हैं और बौखलाहट का आलम ये है साहब की चीन अब अपनी सीमाओं के खतरे का जिक्र करने लगा है।
चिनी सेना के प्रवक्ता पीएलए डेली ने इस डर खौफ़ को जाहिर किया है।
चिनी सेना के प्रवक्ता पीएलए डेली ने इस डर खौफ़ को जाहिर किया है। बात बहूत साफ है, ब्रह्मोस की तैनाती से अब चिन को भारत से डर लग रहा है ।
अब देश के नागरिकों को पाक या चीन या किसी भी उग्रवादी देश से घबराने की ज़रूरत नहीं क्योंकि अब देश की कमान प्रधानमंत्री मोदी जी के हांथ में है जिनहोने अब सारे विपक्षी देशों को सबक सिखाने का मन बना लिया है । भारत सरकार ने पूर्वोत्तर में चीन के खिलाफ पारस्परिक शक्ति संतुलन बनाने के लिए सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के अत्याधुनिक संस्करण की तैनाती कर दी है। यह मिसाइल चीन का सामना करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, एक रेजिमेंट की कीमत 4300 करोड़ रुपये से ज्यादा है। ब्रह्मोस के एक रेजिमेंट में करीब 100 मिसाइलें, 12×12 हेवी ट्रक के साथ पांच मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर और एक मोबाइल कमांड पोस्ट होती है।
290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है
नॉन-न्यूक्लियर ब्रह्मोस मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इतना ही नहीं एक सब-सोनिक मिसाइल की तुलना में इसमें 9 गुना ज्यादा काइनेटिक एनर्जी भी है। यह दुश्मन के इलाके में ज्यादा तबाही मचा सकता है। इस मिसाइल को भारत ने रूस के साथ मिलकर बनाया है।
बता दें कि भारतीय वायुसेना के अग्रिम लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई ने बीते हफ्ते पहली बार सुपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र ब्रह्मोस के साथ सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस उड़ान के साथ ही भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी एयरफोर्स बन गई है जिसके जंगी बेड़े में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल हो गई है। भारत के पास अब जल, थल और आकाश से परमाणु हमला करने में सक्षमता हासिल हो गई है।