सीने में बदले की आग लिए,13 साल से कब्र पर बेटे को खाना दे रही है मां
बेटे के हत्यारे को मारने का प्रण लिए एक मां हर शाम अपने बच्चे के कब्र दिए जलाती है। ये कहानी उस मां कि है जिसने अपने जवान बेटे को खोने के बाद कलेजे पर पत्थर रख लिया और अंतिम संस्कार करने की बजाए उसके हत्यारे से प्रतिशोध का प्रण लिया। उस प्रतिशोध की आग में जलती ये मां हर रोज ना सिर्फ बेटे के कब्र पर दिया जलाती है बल्कि सुबह शाम अपने लाल को खाना देना नही भूलती।
दरअसल यूपी के गोरखपुर के ब्रम्हपुर गांव के रहने वाले विजयी और उसकी पत्नी कलावती बदले की आग में पिछले 13 साल से जल रहे हैं। 13 साल से पहले उनके बेटे की जमीनी विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.. तब से उन्होंने बेटे के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। उन्होंने उसे अपने खेत में दफन कर रखा है। उनका कहना है- ”बेटे को तब तक मुखाग्नि नहीं देंगे, जब हत्यारे को अपने हाथों से मार न दें।”
ज़मीनी विवाद में हुई थी बेटे की हत्या
असल में मामला जमीनी विवाद का थी ..विजयी और उसके परिवार के लोग कई जेनेरेशन से गांव के जमीदारों के बाग-खेतों की रखवाली के साथ जोतने-बोने का काम करते थे। इसीलिए इन्हें जमीदारों ने थोड़ी जमीन जीवन-यापन के लिए दी थी।पर बाद में ये बात गांव एक दबंग दरोगा पासी को नागवार गुजरने लगी। वो लगातार जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में था। इस बात को लेकर दोनों के परिवारों के बीच दो-तीन बार मारपीट और फिर समझौता भी हुआ।
खेत में ही मारी थी गोली
विजयी अपनी पत्नी कलावती, बेटों राजू, राज कुमार, राजा, साजन और बेटी ममता के साथ दिल्ली में रहता था। वो कप-प्लेट बनाने की एक फैक्ट्री में चीफ कारीगर था।फसल के मौसम में उसके बेटे आते थे और जोताई-बुआई का काम कर लौट जाते थे। इसी सिलसिले में राजा (20) जून 2005 में घर आया था। उस वक्त गांव पर उसकी मां और बहन ममता ही मौजूद थे।भूमि पर बुआई को लेकर राजा से दरोगा के इस बीच कुछ कहा-सुनी हुई थी। दरोगा ने धमकी देते हुए कहा था- ”तुम भूमि पर फसल नहीं बोओगे।”वो नहीं माना। 7 जुलाई 2005 की सुबह 8.30 बजे राजा अपने खेत में था और बारिश हो रही थी। इसी बीच छाता लगाए दरोगा उसके पास पहुंचा और तमंचा निकालकर गोली मार दी। इससे पहले कि मां-बेटी वहां पहुंचते, उसकी मौत हो गई।
3 साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी, मिला आजीवन कारावास
घटना के बाद हत्यारोपी दरोगा फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ केस फाइल कर तलाश शुरू कर दी।
करीब 1 महीने बाद पुलिस ने उसको उसी के घर से अरेस्ट किया। लेकिन थाने ले जाते वक्त वो कस्टडी से फरार हो गया। फिर 3 साल बाद 2008 में झंगहा पुलिस ने जिले की क्राइम ब्रांच की मदद से आरोपी को लुधियाना से अरेस्ट कर जेल भेजा।वर्तमान में दरोगा को सेशन कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है और वो गोरखपुर जेल में सजा भुगत रहा है।
हत्यारे को मारकर ही देंगे बेटे को मुखाग्नि
आरोपी को मिले आजीवन कारावास से राजा के मां बाप संतुष्ट नही हैं.. मां कलावती का कहना है कि उसके बेटे के हत्यारे दरोगा को जेल में ही फांसी की सजा हो जाए या फिर वो जेल से बाह आ जाए। जेल से बाहर आते ही वे उसकी खुद हत्या कर देंगी। फिर अपने बेटे का अंतिम संस्कार उसी दिन करेंगी।